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देश पहले ही एनआरसी और सीएए को लेकर तीन देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश का नाम लेकर दुश्मनी का हाथ बढ़ा चुका है। वही देश के चारों तरफ फैली सीमाओं का विवाद पहले पाकिस्तान की कश्मीर विलाप, उसके बाद चाइना की डोकलाम विवाद जिसमे अरुणाचल प्रदेश भी अछूता नहीं रहा है। अब एक और नया नाम नेपाल का जुड़ रहा हैं. क्या ऐसा नया भारत होगा

आज भारत की आर्थिक स्थिति दयनीय है। और ऐसे समय पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने कहा कि तिब्बत, चीन और भारत से सटे कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा को किसी भी कीमत पर वापस लाया जाएगा। प्रधानमंत्री ओली ने भारत का नाम लिए बगैर कहा कि अब हम लगातार इन इलाकों को कूटनीतिक जरिए से वापस लाने में जुटेंगे। अगर इससे कोई नाराज होता है तो हमें फर्क नहीं पड़ता।

भारत ने अपना नया राजनीतिक नक्शा 2 नवंबर 2019 को जारी किया था। इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने सर्वेक्षण विभाग के साथ मिलकर तैयार किया है। इसमें कालापानी, लिंपियधुरा और लिपुलेख इलाके को भारतीय क्षेत्र में बताया गया है।

वही ओली ने कहा, ‘‘भारत से अवैध चैनलों के माध्यम से आने वाले लोग देश में वायरस फैला रहे हैं और कुछ स्थानीय प्रतिनिधि और पार्टी नेता भारत से लोगों को बिना उचित परीक्षण के लाने के लिए जिम्मेदार हैं। बाहर से आने वाले लोगों की वजह से कोरोनावायरस को रोकना बहुत मुश्किल हो गया है। भारतीय वायरस चीन और इटली से ज्यादा खतरनाक है।