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आज सुबह से ट्विटर पर लगातर ट्रेंड करके पीएम मोदी से पूछा जा रहा हैं की जो देश की जनता ने अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई आपको कोरोना से लड़ने के लिए चंदा दिया था पीएम केयर्स फंड में वह पैसा कहाँ गया. उसका हिसाब जनता को सरकार क्यों नहीं दे सकती.

ट्विटर के जरिये लोग सरकार से सवाल पूछ रहे हैं की जो पैसा हमने कोरोना के नाम पर दान दिया उसका हिसाब सरकार क्यों नहीं दे सकती हैं. दरअसल बात ये हैं की कोरोना से लड़ने के लिए सरकार ने धन जुटाने का फैसला किया.

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इसके लिए पीएम मोदी ने पीएम केयर्स फंड के नाम से एक कोष शुरू किया जिसका बैंक खाता नई दिल्ली में हैं. इस खाते में लाखों करोड़ रूपए जनता ने डाला। पीएम मोदी के दान करने की अपील को लेकर.

अब सर्कार ने कहा की इस पीएम केयर्स फंड में जितना भी पैसा डाला गया हो. उसका हिसाब पब्लिक नहीं किया जायेगा. की कितना हैं कितना खर्च हुआ. यानी कुल मिलाकर की उस पैसे का ऑडिट नहीं किया जायेगा.

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यानी एक तरह से आप समझ सकते हैं की पैसा आपका हैं. आपने देश हित में सरकार को दान दिया लेकिन अब आपके पैसे को ही सरकार आपको नहीं दिखा सकती की आपका पैसा कहाँ खर्च हुआ. किसमे खर्च हुआ. एक तरह से लोग इसको एक बड़ा घोटाला भी मान रहे हैं.

आपको बता दे कांग्रेस की सरकार ने 1948 में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का गठन किया था. जिसका हिसाब किताब पूरा देश के सामने पेश किया जाता हैं. उसके वेबसाइट पर सारा रिपोर्ट पब्लिक की जाती हैं. लेकिन जो पीएम मोदी ने बनाया उसका कोई हिसाब किताब देश की जनता नहीं जान सकती.