Facebook
Twitter
WhatsApp
Linkedin
Telegram

कोरोना का संकट काल पुरे देश भर में चल रहा हैं जहाँ इस वायरस से लोग मर रहे हैं तो वही दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों पर भी कहर टूट रहा हैं.

कोरोना को देखते हुए सरकार ने एक के बाद एक चरण करते हुए चार चरण में लॉक डाउन किया. जिससे बिहार. यूपी बंगाल जैसे राज्यों के दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों पर आफत टूट पड़ी.

इन मजदूरों के पास ना खाने के पैसे बचे थे ना घर आने का जुगाड़. बिहार सरकार भी पहले इनलोगों को लाने से पल्ला झाड़ लिया. जिसके बाद लालू की पार्टी के नेता तेजस्वी यादव बिहार सरकार पर दवाव बनाया. ताकि बिहार के मजदूरों को किसी तरह लाया जाए.

इसी बीच देखा गया की जहाँ RJD के नेताओं ने और जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव ने इन मजदूरों को लेकर काफी चिंतित दिखे तो इनदोनो ने बिहार के छात्रों और मजदूरों को घर वापस लाने के लिए काफी पहल की.

ये भी पढ़े: कोरोना संकट काल में बिहार युवा कांग्रेस कहाँ गायब थी? न जमीन पर दिखा न सोशल मीडिया पर?

पप्पू यादव ने तो कई बसें देकर कोटा में फंसे बिहारी छात्रों को घर वापस लाया तो वही rjd नेता तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव भी बिहारी मजदूरों के लिए काफी सक्रिय दिखे.

दोनों भाई मिलकर सोशल मीडिया पर कम्पैन चलाया. जिस जिस राज्यों में बिहार के लोग फंसे पड़े थे वहां के मुख्यमंत्री और अपने कार्यकर्ताओं से बात करके उनलोगों तक मदद पहुचायी. उन लोगों को बिहार वापस लाया.

इस पुरे प्रकरण में अगर कोई बिहार का राजनितिक दल गायब दिखा तो वो हैं BJP और कांग्रेस. जहाँ बीजेपी के नेता सुशिल मोदी तो गायब रहे और अपने केंद्रीय नेताओ को बधाई देने में व्यस्त दिखे. तो वही बिहार कांग्रेस और उनके इकाई संगठन युवा कोंग्रस भी जमीन और सोशल मीडिया से गायब दिखा.

इतनी बड़ी पार्टी और उनके इकाई गायब होना इस कोरोना संकट में एक तरह से अपने बिहार के लोगों के दुःख दर्द से मुँह मोड़ लेना जैसा दिखा.

अब इसी को लेकर बिहार के एक न्यूज़ पोर्टल लाइव सिटीज ने ट्विटर के जरिये एक सर्वे किया जिसमे सवाल में पूछा की ” बिहार में विपक्ष का कौन सा नेता वर्तमान संकट में जनता की सबसे अधिक मदद करते दिखा”

इस सर्वे में 4 नेताओ के नाम दिए गए जिसमे तेजस्वी यादव, उपेंद्र कुशवाहा मुकेश सहनी, पप्पू यादव, मदन मोहन झा कांग्रेस का नाम दिया गया. खबर लिखे जाने तक
तेजस्वी यादव को 31 फीसदी, पप्पू यादव को 56 फीसदी, उपेंद्र कुशवाहा मुकेश सहनी को 5 फीसदी और मदन मोहन झा कांग्रेस को मात्र 6.9 फीसदी वोट मिला.

वही जब हमने इस सर्वे को ध्यान से देखा तो मदन मोहन झा को वोट करने वाले बिहार की जनता या आप कहे आम नागरिक 0 फीसदी के बराबर थे लगभग सभी बिहार कांग्रेस के कार्यकर्ता दिखे. यानी सर्वे में जो बात निकल कर आयी हैं वह ये तेजस्वी यादव और पप्पू यादव को जो वोट मिले हैं उसमे बड़ी मात्रा में आम नागरिक होंगे जो किसी दल के नहीं होंगे. बाकी 5-6 फीसदी पाने वाले के खुद के कार्यकर्ता ही वोट देने वाले हैं.

जिस कमेंट को काले बॉक्स से घेरा गया हैं वह खुद कांग्रेस कार्यकर्ता हैं. आप समझ सकते हैं जनता ने नहीं बल्कि खुद बिहार कांग्रेस के कार्यकर्ता ही अपने नेताओ को जितवा नहीं पा रहे हैं जमीनी हकीकत समझ सकते हैं कितना इनलोगों ने गरीबों की मदद किये होंगे. जिन्हे ट्विटर पर ही पोल जीतने में अपने कार्यकर्ताओं की मदद लेनी पड़ रही हैं