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महामारी के दौर में दो घोटाले सामने आए हैं, लेकिन उनकी चर्चा न के बराबर है. एक घोटाला गुजरात में हुआ है और एक हिमाचल प्रदेश में.
गुजरात से खबर आई कि सीएम विजय रूपाणी ने मेड इन गुजरात वेंटिलेटर का उदघाटन किया था, वे वेंटिलेटर नकली थे. ये वेंटिलेटर कई अस्पतालों में लगा दिए गए और बाद में पता चला कि नकली माल है.

राज्य में इस तरह के 900 वेंटिलेटर लगाए गए हैं, जिनमें से 230 केवल अहमदाबाद सिविल अस्पताल में हैं. यानी बड़े पैमाने पर नकली वेंटिलेटर लगाकर लोगों की जिंदगी को खतरे में डाला गया है.

द वायर में रोहिणी सिंह ने रिपोर्ट लिखी है कि जिस फर्म ने यह नकली वेंटिलेटर टिकाकर गुजरात की जनता को संकट में डाला है, राजकोट की उसी फर्म से केंद्र सरकार ने 5,000 वेंटिलेटर खरीदने का ऑर्डर दिया है.

रिपोर्ट कहती है कि फर्म के वर्तमान और पूर्व प्रमोटरों के वरिष्ठ भाजपा नेताओं से नजदीकी संबंध हैं. इनमें से एक उद्योगपति का परिवार प्रधानमंत्री को तोहफे में मिले दस लाख वाले सूट संबंधी विवाद से जुड़ा है.

रिपोर्ट यह भी कहती है कि वेंटिलेटर्स सप्लाई करने वाली फर्म के प्रमुख पराक्रमसिंह जडेजा को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का करीबी माना जाता है. गुजरात में ही विपक्षी दल कांग्रेस का आरोप है कि सरकार महामारी के वक्त लोगों तक मास्क पहुंचाने में मुनाफाखोरी कर रही है और अमूल पार्लर के जरिये बेचे जा रहे मास्क में प्रति मास्क 15 रुपये का मुनाफा कमा रही है.

दूसरा घोटाला हिमाचल प्रदेश का है. एक कथित ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद स्वास्थ्य निदेशक अजय गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है. इस ऑडियो क्लिप में करोड़ों रुपये के लेनदेन की बातचीत है.

एनबीटी के मुताबिक, स्वास्थ्य निदेशक अजय गुप्ता के निर्देशन में परचेजिंग कमिटी ने 9 करोड़ की सप्लाई ऑर्डर दिए थे. इसमें मोहाली की एक ही फर्म को पांच हजार पीपीई किट का ऑर्डर दिया गया था. ऑडियो में पांच लाख की दलाली भी इन्हीं पीपीई किट की डील के लिए की जा रही थी.

इस मामले के सामने आने के बाद राज्य के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इस घोटाले में राजीव बिंदल का नाम लिया जा रहा है. मामले की जानकारी एक पत्र के जरिये पीएमओ तक पहुंचाई गई है.

पत्र में लिखा है कि ‘पहले सैनिटाइजर खरीद घोटाला आया और अब यह पीपीई किट घोटाला’.
अगर घोटाला अपराध है तो महामारी के समय घोटाला करना मानवता के प्रति अपराध है. लेकिन लोग मर रहे हैं और सरकारें घोटाला कर रही हैं.
मीडिया में इन घोटालों के बारे में काफी संभाल कर लिखा जा रहा है. जिन खबरों के आधार पर यह पोस्ट लिखी है, उनके लिंक कमेंट बॉक्स में हैं.

(ये लेख स्वतंत्र पत्रकार कृष्ण कान्त जी के फेसबुक से ली गयी हैं)