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बाबा रामदेव वैसे तो योगा मास्टर के तौर पर 2014 से पहले जाने जाते थे लेकिन जब से केंद्र में मोदी की सरकार आयी वह एक व्यापारी की तरह दिखने लगे. और अब एक पक्के व्यापारी बन चुके हैं.

स्वेदेशी के नाम पर जनता को एकजुट बनाकर अपने पतंजलि सामन को बेच कर खूब कमाई भी कर हैं लेकिन इसपर सवाल भी काफी उठते आये हैं.

बाबा रामदेव का दावा हैं की अगर विदेशी कंपनियों के सामान को केंद्र सरकार रोक देगी तो बाबा रामदेव उतना सामान खुद बाजार में उपलब्ध करबा देंगे. लेकिन कभी कभी ऐसे रेट बाबा रामदेव के सामान का सामने आते है जिसपर जनता की चिंता बढ़ जाती हैं

ट्विटर पर पिंकी चौबे ने बाबा रामदेव के आटा का जिक्र करते हुए लिखा” किसान का गेहूँ 17 रुपए किलो और ! बाबा रामदेव का आटा 35 रुपये किलो ? इतना भी स्वदेशी ना अपनाइये नही तो लुट जायेगे।

दरअसल बाजार में जो किसान अपना गेहूं बेचते हैं वह करीब 13 से 17 रूपए किलो तक बिकता हैं जिसे बाबा रामदेव जैसे स्वदेशी व्यापारी उसे खरीद कर उसे पिसाई करके 35 रूपए किलो बेचते हैं. हो सकता हैं इसमें पिसाई के लिए रूपए दो रूपए किलो लगता हैं. एक दो उपाय पैकेट के लगते हैं लेकिन फायदा दोगुना करे ये कैसी देशभक्ति?