देश में कोरोना का कहर जारी हैं इससे अब तक भारत में करीब तीस हजार लोग संक्रमित हो चुके हैं वही अब तक एक हजार लोगो से अधिक मौते हो चुकी हैं. दुनिया भर में इससे 2,13,684 लोगों की मौत हुई हैं.
वही भारत की बात करे तो पीएम मोदी ने पुरे देश में लॉक डाउन कर रखा हैं ताकि कोरोना का संक्रमण कम फैले और आसानी से इसे रोका जा सकेगा. हलाकि इसपर कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने भी सवाल उठाया था.
राहुल गाँधी ने कहा था की लॉक डाउन से आप हमेशा के लिए इस वायरस को खत्म नहीं कर सकते. कोरोना को रोकने का एक ही उपाय है आधी से अधिक लोगो की जाँच करना.
अब इसको लेकर फेसबुक पर दीपक राजसुमन ने भी एक आर्टिकल लिखा हैं. दीपक लिखते हैं ” पीएम मोदी ने कोरोना को लेकर जितने भी कदम उठाये हैं. मेरे हिसाब से वायरस रोकने में वह सक्षम नहीं हैं.
लॉक डाउन किया सरकार इस भरोसे पर की लोग घर से नहीं निकलेंगे. जिसको कोरोना संक्रमण होगा वह खुद सरकार को फ़ोन करके बताएँगे और हम इस तरह से कोरोना वायरस को भारत में रोक देंगे. लेकिन रुकिए. सरकार ने यही गलती लॉकडाउन करके भी कुछ ना करके किया. फ़ोन के भरोसे रह गया.
जितना दिन लॉक डाउन किया इसी समय सीमा में अगर सरकार एक रोड मैप तैयार करती शहर शहर गांव गांव मोहल्ला मोहल्ला घर घर जाकर एक एक लोगों के टेस्ट करने की. तो मुझे लगता हैं जितने दिन लॉक डाउन रहा इतने दिन में पुरे देश में घर घर जाकर लोगों का टेस्ट किया जा सकता था. और सभी कोरोना संक्रमण वाले मरीज को सरकार पकड़ सकती थी.
इसमें आशा वर्कर्स, मेडिकल स्टूडेंट और स्कूल टीचर का मदद लिया जा सकता था. जैसे पोलियों और जनगणना में मदद लेती हैं
सरकार जिस तरह से कोरोना के नाम पर लोगो के जनधन में 500-500 दिया अगर वही पैसा टेस्ट किट पर खर्च करती और घर घर जाकर जाँच करती तो अब तक भारत खुली हवाओं में साँस लेता.
लेकिन सरकार कर क्या रही हैं? कुछ नहीं, जो करेगी जनता करेगी. चंदा भी देगी. लॉक डाउन का पालन भी करेगी. सरकार बस चंदा मांगेगी. जनधन में 500 डाल कर अपनी सरकार की नाकामी छुपाएगी. और किया क्या हैं? जरा आप बताये क्या सरकार का कोई अधिकारी आपके गांव शहर में आया जाँच करने? अगर नहीं आया तो सरकार कैसे रोकेगी इसे? इसे रोकने का बस एक ही इलाज हैं पोलिये के तरह घर घर जाए और एक एक लोगों को टेस्ट करे तभी कुछ संभव हैं. मेरा ये व्ययक्तिगत राय हैं