मजदूर की जान की कीमत एक कौड़ी की भी नही। ये हम नही कह रहे इसे हमारे देश की सियासत ने दिखा दिया।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने यही कहा कि अगर आप मजदूरों को उनके घर पर नही पहुँचा सकते तो हम बसे भेज रहे है आप मजदूरों को उनके घर जाने दें। अगर आपको लगता हैं की इससे कांग्रेस का प्रचार हो रहा हैं तो हमारे बसों पर आप अपने झंडे बैनर पोस्टर लगा दे लेकिन मजदूरों को उनके घर जाने दे.
लेकिन ये बात यूपी सरकार को हजम करने से बाहर थी बसे यूपी बार्डर पर दिनभर खड़ी रही उन्हें यूपी में नही घुसने दिया गया आखिर क्यो?
मोदी जी, एयर इंडिया, BSNL, रेलवे स्वदेशी व आत्मनिर्भर थी, लेकिन इसे रोड पर कौन लाया? : शिल्पी सिंह
तो सरकार सरकार का कहना हैं की 1000 बस नहीं था कम हैं किसी में कागज नहीं हैं तो किसी में ड्राइविंग लाइसेंस नहीं हैं. यानी कुल मिलाकर सरकार का ये कहना हैं की हम सभी गाड़ियों की जांच कर लिए हैं और क़ानूनी मुताविक सही नहीं हैं.
अब इसी पर कई सवाल भी सोशल मीडिया पर उठ रहा हैं लोगों का कहना हैं की आपने कैसे ढाई मिनट में सभी बस के नम्बर चेक कर लिए जबकि पुलवामा की कार की जांच अभी भी जारी है।
अब इसी पर पोलिटिकल वायर डॉट इन की संस्थापक शिल्पी सिंह ने सरकार पर जोरदार प्रहार किया है. शिल्पी सिंह ने कहा की ” 1000 बसों के नम्बर ढाई मिनट में चेक हो गए. पुलवामा अटैक में शामिल कार की जांच अभी जारी है”
वही उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कहा” लड़ाई कांग्रेस से है या मजदूरों से? मुझे तो यही समझ में नहीं आ रहा” बैल गाड़ी से चले थे गालिब 70 सालों मे हवाई जहाज तक पहुंचे। लेकिन 70 सालों का हिसाब मांगने वालों ने तो 6 साल में ही पैदल कर दिया।