समय और सत्त्ता को देखते हुए राजनितिक पार्टियां EVM और चुनाव आयोग पर सवाल उठाती हैं. ये बात अलग हैं की कुछ नेता जी इसपर किताब भी तथ्यों और सबूतों के साथ लिख देते हैं. लेकिन जब उन्ही की सरकार आती हैं तो वे अपने किताबों और सबूतों को मानने से इंकार कर जाते हैं.
हम बात कर रहे हैं भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और जीवीएल नरसिम्भा राव की. जहाँ भाजपा नेताओ ने 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में EVM से छेड़छाड़ की बात कहि थी. उस समय इनलोगों ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था की कांग्रेस ने EVM को छेड़छाड़ करके चुनाव में जीत दर्ज की हैं. लाल कृष्ण आडवाणी ने EVM को हटा कर बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग किया था
2010 में बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्भा राव ने EVM को लेकर एक किताब लिखा था किताब का नाम था “Democracy At Risk’ Can We Trust Our Electronic Voting Machines” इस किताब को लिखने में मुख्य भूमिका लालकृष्ण आडवाणी ने निभाया हैं.
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जीवीएल नरसिम्हा राव की यह किताब 2010 में प्रकाशित हुई थी जिसमें (EVM) इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन द्वारा की जाने वाली धोखाधड़ी का खुलासा किया गया है। इसकी प्रस्तावना एलके आडवाणी ने लिखी है और इन दोनों विद्वानों ने मांग की है कि दुनिया के तमाम विकसित देशों की ही तरह EVM से मतदान बंद कराया जाय.
आज EVM पर विपक्ष सवाल उठाता हैं तो बीजेपी नेता उस विपक्षी दलों को देशद्रोही करार देते हैं. यहाँ तक एक टीवी डिबेट में बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता ने EVM पर सवाल उठाने वाले लोगों को देशद्रोही कहा था और बोलै था लोग देश को बदनाम करते हैं. वीडियो देख सकते हैं
वही इस मसले पर बीजेपी के एक और नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी EVM पर सवाल उठा चुके हैं. सुब्रमण्यम स्वामी का एक इंटरव्यू का वीडियो हैं जिसमे EVM गड़वड़ी की बात खुद वह कबूल करते नजर आते हैं.
डॉ. स्वामी का कहना हैं की या तो पुराने मत पेटियां लायी जायें अथवा EVM में मतदान के पश्चात एक रसीद मिलने का प्रावधान होना चाहिए ताकि मतदान करने वाले को पता चले की उसका मत सही उमीदवार को गया तथा गिनती में गड़बड़ की जाये या शंका हो तो उन रसीदों को प्रयोग कर समाधान किया जा सके।
उन्होंने कहा था की इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की अप हमारी मतदान प्रक्रिया संशय के घेरे में है। विश्व का कोई और देश यह EVM प्रयोग नहीं करता – खुद जापान भी नहीं जहाँ से इसकी ‘चिप’ बन के आती है। वीडियो देख सकते हैं
अब सवाल यही उठता हैं की जिस पार्टी के नेताओ ने EVM कैसे हैक की जा सकती हैं उसपर एक किताब लिख दिया हैं वह आज कैसे EVM पर सवाल उठाने वाले को गलत बता सकता कैसे उसपर देश को बदनाम करने का आरोप लगा सकता हैं?