वैसे तो BSP प्रमुख की राजनीती किसी को समझ नहीं आती. उनपर अक्सर आरोप लगता रहा हैं की वह सिर्फ चुनाव में नजर आती हैं. वह हमेशा सत्ता के हिसाब से बोलती आयी हैं. सत्ता के साथ चलना उनकी पुरानी पहचान भी हैं.
जब सत्ता चाहिए तो बीजेपी के साथ सरकार गठबंधन कर लिया. जब सभी सीटों पर जमानत जब्त हो गया तो इस बार लोक सभा चुनाव में अपने धुर विरोधी समाजवादी पार्टी से हाथ मिला ली.
जब चुनाव खत्म हुआ समाजवादी पार्टी से अधिक सीट भी मायावती के पार्टी को मिली तो समाजवादी से गठबंधन तोड़ कर अलग हो गयी.
पीएम मोदी के पास कोई प्लान नहीं हैं जिसका अंजाम नोटबंदी और लॉकडाउन में जनता को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी
हालाँकि इस बीच कई बार मायावती अपने घर या पार्टी ऑफिस से प्रेस कॉन्फ्रेंस किया दलित दलित कहकर दलितों की सहानुभूति भी बटोरी लेकिन कभी मायावती को नहीं देखा गया की वह जमीन पर या किसी दलितों पर हुए अत्याचार का विरोध पीड़ित के घर पर जाकर किया हो.
यहाँ तक की आज जो अलका लाम्बा के एक बयान पर भीम आर्मी के संस्थापक चंद्र शेखर रावण मायावती के पक्ष में बोल रहे हैं उनके समर्थन में कभी मायावती खड़ी नहीं दिखाई दी.
दरअसल अलका लाम्बा ने कल एक ट्वीट किया था जिसमे उन्होंने बिना किसी का नाम लिए लिखा की ” माया की धनी उस बरसाती मेढ़की की तरह है जो मात्र चुनावी बरसातों में ही अपने आशियाने से बाहर आती है #CBI के डर से कभी कभी बीच बीच में टर्र टर्र कर राजा के प्रति अपनी श्रद्धा भी दिखाती रहती है
जिसपे चंद्र शेखर रावण को बुरा लग गया और उसपे पलटवार करते हुए लिखा ” @LambaAlka द्वारा बहन जी पर की गई टिप्पणी पूर्णतः जातिवादी एवं महिला विरोधी है। स्पष्ट कर दूं कि राजनीति अपनी जगह लेकिन अपने बड़ों का अपमान हरगिज बर्दाश्त नहीं। बहन जी से नीतियों पर मेरा मतभेद है पर उनके प्रति मेरे दिल में असीम सम्मान है। अलका लांबा आपको माफी मांगनी चाहिए।
चंद्र शेखर रावण को जबाब देते हुए अलका नेचंद्र शेखर ही पुराने बयान न्यूज़ लिंक शेयर करते हुए लिखा ” क्या मेरे इस ट्वीट में कहीं मायावती नाम का इस्तेमाल हुआ? नहीं। क्या कहीं बहनजी लिखा? नहीं। क्या मायावती की फोटो का इस्तेमाल हुआ? नहीं। क्या कहीं BSP लिखा? नहीं। क्या यूपी में एक ही माया की धनी हैं?
अगर हाँ, तो मैं बस यही कह सकती हूँ “चोर की दाढ़ी में तिनका”
पहली बार 20 लाख करोड़ का घोषणा नहीं हुआ, इससे पहले भी लालकिला से 100 लाख करोड़ की मोदी घोषणा कर चुके हैं
जिसके बाद BSP के कार्यकर्ताओं ट्विटर पर अलका लाम्बा को मायावती से माफ़ी मांगने के लिए ट्रैंड करने लगे. जिसपर अलका ने सीधे साफ़ साफ़ मना कर गयी. कहा मैं कोई सावरकार नहीं हु जो माफ़ी मांगू.
अब एक बार फिर अलका ने मायावती पर निशाना साधा हैं अलका ने ट्वीट कर BSP नेताओ और कार्यकर्ताओं को बड़ा चैलेंज किया हैं अल्का ने अपने ट्वीट में लिखा “
सब जानते हैं कि BSP की बहनजी सत्ता से बाहर होते ही खोखली हो चुकी हैं, मुख्यमंत्री रहते हुए अपने काम पर नहीं बल्कि आज भी डॉ अंबेडकर जी,कांशीराम जी की पकाई खा रही हैं, दलितों पर संघ, BJP के अत्याचारों को देखते हुए कभी वह अपने महलों से निकलीं हों तो फोटो शेयर कीजिए हवाबाज़ी नहीं