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कल मुंबई सूरत और आज दिल्ली में. आखिर कब तक कोई इस लॉक डाउन में भूखा रह सकता हैं. कब तक भूखे प्यासे सरकार के आस्वाशन पर जिन्दा रह सकता है. बुधवार शाम को यमुना नदी के किनारे हज़ारों मजदूर इकट्ठा हो गये। लॉकडाउन के दौरान देश की राजधानी में इतनी बड़ी संख्या में मजदूरों का जुटना निश्चित रूप से बेहद ख़तरनाक है।

क्योंकि दिल्ली में कोरोना का संक्रमण बेहद तेज़ी से फैल रहा है और 55 से ज़्यादा इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है।

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इससे पहले मंगलवार शाम को मुंबई के बांद्रा इलाक़े में हज़ारों की संख्या में मजदूर इकट्ठे हो गये थे। घर जाने देने की मांग को लेकर कुछ दिन पहले गुजरात के सूरत में प्रवासी मजदूरों ने जोरदार हंगामा किया था।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा है कि यमुना घाट पर जो मज़दूर इकट्ठा हुए हैं, उनके रहने-खाने की व्यवस्था कर दी गई है और उन्हें तुरंत वहां से शिफ़्ट करने के आदेश भी दे दिए गये हैं।

मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक़, कश्मीरी गेट के शेल्टर होम में रह रहे मजदूर भी यमुना किनारे पहुंच गये हैं। ऐसे में यहां बड़ी संख्या में लोग जुट गये हैं। हालांकि अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि इन्हें यहां से शिफ़्ट करने और इनके रहने-खाने की व्यवस्था करने के निर्देश दे दिये गये हैं।