गुजरात दंगे की याद दिलाती है दिल्ली की ये तस्वीरें, क्या इस देश में मुस्लिम होना गुनाह है?

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देश में नागरिकता कानून को लेकर जहां शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है लेकिन अब बीजेपी नेताओं ने धमकी देकर माहौल खराब करने की कोसिस की है. पहले तो बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने पहले दिल्ली पुलिस के सामने साफ़ साफ़ धमकी देते हुए कहा था की, तीन दिन के भीतर दिल्ली की सड़के साफ़ नहीं हुआ तो फिर हम आपकी भी नहीं सुनेगे।

कपिल मिश्रा के इस भड़काऊ बयान के बाद दिल्ली की राजनीति गर्म हो गयी अब उसके बयान देने के एक दिन बाद ही दिल्ली में दंगे जैसा माहौल बन गया है.

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दिल्ली के भजनपुरा इलाके से इंसानियत को तार-तार करने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। सोमवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थकों और विरोधियों के बीच पत्थरबाजी हो गई। इस घटना में एक पुलिस कॉन्सटेबल की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए हैं।

जिस तरह के वीडियो और फोटो अभी तक सामने आए हैं उनमें दो पक्ष दिखाई दे रहे हैं एक वहां मौजूद पुलिसकर्मियों के साथ पत्थरबाजी करते हुए दिखाई दे रहे हैं जबकि दूसरी ओर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारी हैं। इन तस्वीरों के जरिए सोशल मीडिया यूजर्स गुजरात में हुए 2002 के दंगों को याद कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर ये दो तस्वीरें काफी वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों को समाचार एजेंसी रॉयटर्स के फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी ने क्लिक की हैं। तस्वीर में दंगाई एक मुस्लिम युवक लाठी डंडों से पीटते हुए नजर आ रहे हैं और युवक के सिर से खून टपकता हुआ दिखाई दे रहा है। कांग्रेस नेता अलका लांबा ने भी इस तस्वीरों को रिट्वीट किया है।

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अब सवाल यही है की आज लोग मुस्लिमों को सिर्फ टारगेट क्यों कर रहे हैं आखिर मुस्लिमों को मुसलमान होना गुनाह है क्या? आखिर उनकी गलती क्या है? क्या अपने अस्तित्व को बचाने के लिए शांति पूर्ण विरोध प्रदर्शन भी नहीं कर सकते है

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