Facebook
Twitter
WhatsApp
Telegram
Email
loading...

डॉलर के मुकाबले रुपया जैसे जैसे गिरता हैं. देश की राजनीती भी गर्म होते जाती हैं. वैसे तो आज की तारीख में एक डॉलर के मुकाबले रुपया 76.86 पार हो गया हैं. ये इस साल की उच्तम स्तर पर हैं.

आये कुछ इतिहास भी जानते हैं जब आज इतना रुपया गिर गया हैं तो पहले किन किन लोगों से रूपए पर बोला था.

loading...

अगस्त 2013, जगह- लोकसभा, नेता- सुषमा स्वराज

“इस करेंसी के साथ देश की प्रतिष्ठा जुड़ी होती है और जैसे-जैसे करेंसी गिरती है, तैसे-तैसे देश की प्रतिष्ठा गिरती है…..”

loading...

रिपोर्ट में खुलासा : मनमोहन राज में देश ज़्यादा खुशहाल था, मोदी राज में 33 अंक नीचे गिरा

तब लोकसभा में भाजपा की नेता और अब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ये भाषण अगस्त 2013 में दिया था और वो रुपये का भाव डॉलर के मुक़ाबले लगातार गिरने और 68 के पार पहुँचने पर वित्त मंत्री पी चिदंबरम के स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं थी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से जवाब की मांग कर रहीं थीं.

अगस्त 2013, जगह- अहमदाबाद, नेता- नरेंद्र मोदी

loading...

“आज देखिए, रुपये की कीमत जिस तेज़ी से गिर रही है और कभी-कभी तो लगता है कि दिल्ली सरकार और रुपये के बीच में कंपीटीशन चल रहा है, किसकी आबरू तेज़ी से गिरेगी. देश जब आज़ाद हुआ तब एक रुपया एक डॉलर के बराबर था. जब अटल जी ने पहली बार सरकार बनाई, तब तक मामला पहुँच गया था 42 रुपये तक, जब अटल जी ने छोड़ा तो 44 रुपये पर पहुँच गया था, लेकिन इस सरकार में और अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री के कालखंड में ये 60 रुपये पर पहुँच गया है.”

कोरोना : भारत में पहला मामला 30 जनवरी को आया फिर भी 24 फरवरी को गुजरात में ट्रम्प की रैली क्यों कराई गयी?

नरेंद्र मोदी का ये भाषण 7 साल पुराना है जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे. लेकिन हिंदुस्तान की सियासत में काफ़ी कुछ बदल चुका है, आर्थिक हालात में भी बहुत उठापटक हुई है, लेकिन कभी गिरते रुपये पर मनमोहन सरकार को घेरने वाले ये नेता इन दिनों रुपये में गिरावट को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं.

loading...

जब मोदी सरकार मई 2014 में दिल्ली में सत्तारूढ़ हुई थी तब डॉलर के मुक़ाबले रुपया 60 के स्तर के आसपास था. लेकिन इसके बाद से कमोबेश दबाव में ही है. पिछले कुछ महीनों से ये दबाव और बढ़ा है और हाल ये है कि लुढ़कते हुए सबसे निचले स्तर 76.86 तक लुढ़क गया.

loading...