देश में लॉकडाउन की वजह से बिहार के मजदूर, कामगार और छात्र बड़ी संख्या में दूसरे प्रदेशों में फंसे हैं। वही कई प्रदेशों की सरकार ने बाहर फंसे अपने लोगों को बस भर भर कर ला रही है अब इसी को देखते हुए नीतीश सरकार पर भी RJD और कांग्रेस लगातार दवाव बना रही थी.
इसको लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि जबतक केंद्र सरकार इसके लिए गाइडलाइंस जारी नहीं करेगी तबतक सबको लाना संभव नहीं है।
इसके बाद केंद्र सरकार ने कुछ शर्तों के साथ बाहर के राज्यों में फंसे बिहार के लोगों को वापस लाने की अनुमति दे दी है।
इस अनुमति के बाद बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पहले इन लोगों को वापस लाने की बात पर चिंता जाहिर की थी कि कैसे इतने लोगों को लाया जाएगा। अब सुशील मोदी ने केंद्र सरकार से सुदूर स्थानों में फंसे राज्य के मजदूरों-कामगारों को लाने के लिए विशेष ट्रेन चलाने की मांग की है।
सुशील मोदी ने एक ट्वीट कर कहा- मैं भारत सरकार (GOI) से दूर के स्थानों से प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाने की अपील करता हूं।’
अब इस को लेकर सोशल मीडिया पर बिहार के लोग अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. शुशील मोदी के इस बयान पर एक यूजर ने कहा ” अन्दाज़ा मत लगाइये लॉक डॉउन बढ़ेगा या घटेगा जब बिहार सरकार मज़दूरों को लाने में समर्थ नही है तो आप समझ सकते है कि सरकार की मंशा क्या है ? मज़दूरों से हमदर्दी भी जताई जायेगी लेकिन उन्हें खाने और उनके घर भेजने की व्यवस्था नही कि जायेगी ? अब लोग भी सरकार से उम्मीद छोड़ चुके है”
वही इसपर एक और यूजर ने कहा ” क्या सुशील बाबू ऐसे ही चलाते रहेंगे बिहार को सब कुछ केन्द्र सरकार ही कर के देगा। बिहार सरकार किसी काम का नहीं रहा क्या?
इंडस्ट्री तो आप लोग नहीं ही ला पाए इतने सालों में,अब और आपलोग से कोई उम्मीद रखना भी नाइंसाफी होगा खुद के लिए। Nitish Kumar की विदाई समय की मांग होने वाली है।
एक और यूजर ने लिखा ” योगी जी ने ना तो स्पेशल ट्रैन माँगा न कोई औऱ सहायता ! उनकी इच्छा दृढ थी ! 350 बस भेजकर बच्चों को ले आये! ममता बनर्जी भी बस भेज कर बंगाल के बच्चों को ला रही हैं ! तुमलोग माँगने में आगे और करने में पीछे रहने वाले लोग हो तुम औऱ नीतीश इस्तीफे देकर सन्यासी क्यों नही बन जाते