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धरना देते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह

ये रमन सिंह हैं. 2003 से लेकर 2018 तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री थे. इनकी सत्ता गए दो साल भी नहीं हुए. इनको आज किसानों की चिंता होने लगी. किसानो की समस्या को लेकर रमन सिंह आज अपने घर पर ही धरना दे रहे हैं. अच्छी बात हैं लेकिन रमन सिंह शायद भूल गए की इनके ही कार्यकाल में 2006 से 2010 के बीच छत्तीसगढ़ में हर साल औसतन 1,555 किसानों ने आत्महत्याएं की थीं। यानी इन 4 साल में 6220 किसानो ने आत्महत्या की.

जब किसानो की आत्मत्या को लेकर रमन सरकार की आलोचना देश भर में गयी तो रमन सिंह ने किसानो को लेकर ठोस कदम उठाने के बजाय आंकड़े छिपाना शुरू कर दिया और फिर 2011, 2012, 2013 के अपने रिपोर्ट में बताया की इन तीन सालों में मात्र 4 किसान ने आत्महत्या की.

बाद में NCRB रिपोर्ट में कहा गया की 2014, 2016, 2017 तक लगभग 3026 किसानों ने प्रदेश में आत्महत्या की. अब इस रिपोर्ट को सामने आने के बाद मोदी सरकार ने NCRB से आंकड़े जारी करना ही बंद करवा दिया. ताकि लोगों के सामने सच आ ही नहीं सके.

अभी इस लिस्ट में 2003 से 2006 तक और 2011 , 2012 , 2013 का आंकड़ा शामिल नहीं हैं बाकी आप NCRB के वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं अगर वहां हैं तो हमे भी भेजे।

अब सवाल यही उठता हैं जिस छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा बोला जाता हैं वहां के आप 15 साल सीएम रहे अगर अपने कार्यकाल में ही किसानो को लेकर कोई ठोस कदम उठाते तो आज धरना नहीं देना पड़ता. वैसे शराबबंदी भी कर सकते थे. खैर अच्छी मांग हैं कांग्रेस सरकार को इसपर विचार करनी चाहिए।

2003 से 2006 तक और 2011 , 2012 , 2013 का आंकड़ा अगर सामने आया तो इस खबर को अपडेट किया जाएगा

(ये लेख दीपक राजसुमन के फेसबुक बॉल से ली गयी हैं)