Facebook
Twitter
WhatsApp
Telegram
Email

देश में कई दिनों से जगह जगह सन्ति पूर्ण प्रदर्शन हो रहा है. अपनी जड़ी की मांग को लेकर. कनगरिकता कानून को रद्द करने की मांग को लेकर. ऐसे में अब उन प्रदर्शन करियों के समर्थन में देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी आ गए है.

बर्बादी की और बढ़ रहा है भारत, RBI से मोदी सरकार ने फिर माँगा 10 हजार करोड़

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर देश में उभरे युवाओं के स्वर का हवाला देते हुए गुरुवार को कहा कि सहमति और असहमति लोकतंत्र के मूल तत्व हैं.

मुखर्जी ने चुनाव आयोग द्वारा आयोजित पहले सुकुमार सेन स्मृति व्याख्यान को संबोधित करते हुए कहा, ‘भारतीय लोकतंत्र समय की कसौटी पर हर बार खरा उतरा है. पिछले कुछ महीनों में विभिन्न मुद्दों पर लोग सड़कों पर उतरे, खासकर युवाओं ने विभिन्न मुद्दों पर अपनी आवाज़ को मुखर किया, जो उनकी नजर में महत्वपूर्ण थे. भारत के संविधान में उनकी दृढ़ता और विश्वास दिल खुश कर देने वाला है.’

रीना ठाकुर के बाद बीजेपी नेता सपना राठी का अश्लील वीडियो हुआ वायरल, देखे।

पूर्व राष्ट्रपति ने देश में जारी आंदोलनों से जुड़े किसी मुद्दे का नाम लिए बिना कहा, ‘सहमति लोकतंत्र की जीवनरेखा है. लोकतंत्र में सभी की बात सुनने, विचार व्यक्त करने, विमर्श करने, तर्क-वितर्क करने और यहां तक कि असहमति का महत्वपूर्ण स्थान है.’

उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि देश में शांतिपूर्ण आंदोलनों की मौजूदा लहर एक बार फिर हमारे लोकतंत्र की जड़ों को गहरा और मजबूत बनाएगी.’

फेसबुक पर वायरल हुआ बीजेपी नेता सपना राठी का 4.25 मिनट का पोर्न वीडियो

मुखर्जी ने देश में लोकतंत्र के मजबूत आधार का श्रेय भारत में चुनाव की सर्वोच्च मान्यता को देते हुए कहा, ‘मेरा विश्वास है कि देश में चुनाव और चुनाव प्रक्रिया को पवित्र एवं सर्वोच्च बनाए रखने के कारण ही लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हुई हैं. यह सब भारत के चुनाव आयोग की संस्थागत कार्ययोजना के बिना संभव नहीं होता.’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.