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निज़ामुद्दीन स्थित तबलीगी मरकज की तरह एक मामला महाराष्ट्र के लातूर में भी सामने आया है। जहां 1300 के करीब लोगो को एक सत्संग स्थल से निकाला गया।

इन लोगों को अब निजी बस से उनके गांव जाधववाडी भेजा जा रहा है। जाधववाडी पुणे जिले में आता है।

जानकारी के अनुसार, सभी सभी लोग राठोडा गांव में महानुभव पंथ के सत्संग कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे।

इन लोगून के बारे में पता जब चला चार दिन पहले हुई बारिश से सत्संग स्थल का टेंट उखड़ गया। और खाना बनाने का सामान भी खराब हो गया।

इसकी वजह से इन लोगों को रहने के लिए स्कूलों का सहारा लेना पड़ा।

राज्य सरकार ने इनको घर भेजने के लिए फिलहाल 32 बजें भेजी है। जिनमें इन लोगों को कोरोना टेस्ट के बाद सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठाया जाएगा। 44 सीटों वाली बस में केवल 22 लोग ही बैठ सकते हैं। जिसमें इन लोगों को 3 से ज्यादा दिन लगेंगे

वही इस मामले को सामने आने के बाद मीडिया ने चुप्पी साध ली है.