तिहाड़ जेल में बंद हैं तीन महीने की प्रेग्नेंट लड़की, NRC का किया था विरोध, उठी रिहाई की मांग

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नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हुए दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस ने जामिया यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट और जामिया को-ऑर्डिनेशन कमिटी की मीडिया प्रभारी सफूरा जरगर को अरेस्ट इसी महीने अरेस्ट किया गया था.

फरवरी के आखिरी हफ्ते में भड़के दंगों की जांच कर रही जाफराबाद थाना पुलिस ने शनिवार को यह गिरफ्तारी की। आरोप है कि 22 फरवरी की रात सफूरा ने ही सीलमपुर थाना इलाके में धरने पर बैठी महिलाओं को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे बिठाया और दंगे की साजिश रची।

सफूरा को पूछताछ के बाद शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक, सीलमपुर थाना इलाके के मेन रोड पर सीएए के विरोध में महिलाओं का धरना चल रहा था। आरोप है कि सफूरा इन महिलाओं को भड़काकर जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे पहुंच गईं।

यहां सभी महिलाओं को सड़क पर बिठाकर दंगे की साजिश रची गई। इससे नॉर्थ-ईस्ट जिले में दंगा भड़का और 50 से ज्यादा लोगों की जान गई। सफूरा जामिया इलाके में सीएए विरोधी आंदोलनों का भी हिस्सा रही हैं।

अब सोशल मीडिया पर सफूरा को रिहा करने के लिए ट्विटटर पर ट्रैंड किया जा रहा हैं यूजर का दावा हैं की सफूरा प्रेग्नेंट हैं और प्रेग्नेंट महिला को जेल में नहीं रखा जा सकता.

इसी तरह अंजू यदुवंशी ने अपने ट्वीट्स में लिखा की ” आप सोच रहे होंगे यह दुल्हन कौन है तो बता दूँ कि इनका नाम सफूरा ज़ारगर है. ये जामिया दिल्ली की छात्रा हैं अभी चंद माह पहले ही इनका निकाह हुआ है. सफ़ुरा तीन महीने की प्रेगनेंट हैं. वह घर में नहीं हैं,वो जेल में हैं जुर्म इतना है कि सफूरा ने CAA/NRC के खिलाफ़ अवाज़ उठाई थी.’