दरअसल देश में कोरोना का कहर तो जारी है ही कुछ पत्रकारों की चाटुकारिता भी चरम सीमा पर हैं. कोरोना संकट से पूरा देश वाकिफ है अब तक देश भर में 1300 से अधिक लोगों की जान जा चुकी हैं करीब 35 हजार से अधिक लोग संक्रमण हैं फिर भी कुछ पत्रकार सरकार की वाहवाही करने से थक नहीं रहे.
पिछले 40 दिन से लॉक डाउन देश में इसी को लेकर जारी हैं ताकि संक्रमण को कम किया जा सके. इसको लेकर केंद्र सरकार बीच बीच में राज्य सरकारों के साथ मीटिंग भी करती हैं. जाहिर सी बात हैं देश को इतना दिन बंद रखना संभव नहीं था बिना राज्य सरकारों के सहयोग के कारण।
राज्य सरकारों से सलाह लेना केंद्र की मजबूरी भी हैं लेकिन रजत शर्मा एक बार फिर ट्विटर पर पत्रकारिता छोड़ बीजेपी प्रवक्ता बन बैठे और बीजेपी विरोधी दलों पर निशाना साधने लगे.
जितने हैलीकॉप्टर से फ़ूल वर्षा करवा रहे है, इतने विमानों से तो मजदूरों को उनके घर भेज देते गरीबों की जान बच जाती?
रजत अपने ट्वीट में लिखा ” पिछले 70 साल में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने 40 दिन में मुख्यमंत्रियों से 4 बार बात की. 14 घंटे मशवरा किया. उनके कहने पर लॉकडाउन बढाया, मज़दूरों के लिए रेल चलाई. मु्ख्यमंत्री मानते हैं. फिर भी कुछ लोग कहते हैं केन्द्र राज्यों की नहीं सुनता. आखिर क्यों ?”
वही इसपर शिल्पा राजपूत ने लिखा ” बे-शर्मा इसे पत्रकारित्वता नही बल्कि चाटूकारिता कहते है जब देखो तब सरकार के तलवे चाटते रहते हो। इतने तारीफों के पुल तो तुमने अपनी पत्नी के लिए नही बांधे होंगे जितने नारंगि साहब के लिए बांधे है। एक पत्रकार कम और भाजपा का खुशामद करने वाला दौकौड़ी का कार्यकर्ता ज्यादा लग रहे हो