मुसलमानों को गद्दार कहने पर भड़की SP अनुषा, बोली- गुजरात दंगो में मेरी जान एक मुसलमान डॉक्टर ने बचाया

0
4407
Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp

देश में कोरोना का कहर जारी है लेकिन कुछ लोग इसमें भी हिन्दू मुस्लिम करने से बाज नहीं आ रहे है. दरअसल कर्नाटक में नव नियुक्त धारवाड़ सहायक पुलिस आयुक्त अनुषा कोरोना आपदा के बीच सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म, फेसबुक, व्हाट्सएप, टिक टॉक के सांप्रदायिक वीडियोज और कंटेट को देख काफी भड़की हुई थीं। वह कोरोना से जंग की तैयारी के लिए अपने कार्यक्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के नेताओं को को संबोधित कर रही थीं।

उन्होंने कोरोना के बीच नफरती माहौल बनाए जाने अपने विचार साझा किए। एसीपी अनुषा ने गुजरात में गोधरा की घटना के बाद 2002 में सांप्रदायिक दंगों के बाद की घटना को याद करते हुए कहा कि पूरे राज्य में उस समय दंगे फैल गए थे।

महाराष्ट्र में एक दिन के लिए इस मुस्लिम लड़की को बनाया गया जिले का SP, मदरशा में पढ़ाई की

उस समय एक छोटी बच्ची अचानक बीमार पड़ गई थी। उसकी हालात गंभीर थी, आस पड़ोस में सब कुछ बंद था डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए थे। तब एक मुस्लिम डॉक्टर आगे आए उस बच्ची का इलाज किया और उसकी जान बचाई। वो छोटी बच्ची मैं हूं।

एसीपी ने उस डॉक्टर का नाम सईद सादिक बताया और कहा- “मुझे जन्म मेरी मां ने दिया है लेकिन दूसरा जीवन एक मुस्लिम डॉक्टर ने। आज वो इस दुनिया में नहीं हैं भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।”

एसीपी अनुषा ने नेताओं को संबोधित करते हुए सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज भेजने वालों पर लगाम कसने की बात कही। उन्होंने कहा, ऐसे लोग हैं जो नफरत फैलाते हैं और समुदाय को विभाजित करते हैं और शांति को बाधित करते हैं, लेकिन वह धारवाड़ में ऐसा नहीं होने देंगे।

रिपोर्ट में खुलासा : मनमोहन राज में देश ज़्यादा खुशहाल था, मोदी राज में 33 अंक नीचे गिरा

उन्होंने कहा आज भारत की एकता को तोड़ा जा रहा है। हिंदू मुस्लिम सब एक हैं मैं आज आपके सामने एक मुसलमान की वजह से ही जिंदा हूं।

अनुषा ने टिक्कॉक वीडियो बनाने वालों, मुस्लिमों को निशाना बनाने वाले व्हाट्सएप संदेश, उन्हें कोरोनवायरस से जोड़कर या उन्हें आतंकवादी के रूप में ब्रांडिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का वादा किया।