राजनीती में ये खेल बहुत पुराना है सत्ता के साथ हर किसी को चलना। आज इस दौर में कुछ पत्रकार भी ऐसे हैं जो पत्रकारिता के नाम पर चाटुकारिता करते हैं इसमें एक नाम रिपब्लिक टीवी के हेड अर्णव गोस्वामी का भी नाम शामिल हैं.
वैसे तो ये लोग 2014 से ही सत्ता के साथ खड़े हैं और विपक्ष पर तरह तरह के आरोप पर्त्रकारिता के नाम पर लगाते हैं लेकिन इसबार कुछ ज्यादा ही हद पार कर दिया.
दरअसल अर्णव ने पालघर हिंसा को लेकर सोनिया गाँधी को काफी बुरा भला कहा. महिलाओं की मर्यादा को भूलते हुए काफी अर्मयादित बात बोला था. जिसके बाद कांग्रेस नेताओ ने कड़ी फटकार लगाया। कई राज्यों में कांग्रेस कार्यकर्तों ने अर्णव के खिलाफ FIR भी दर्ज करवाया हैं
अब अर्णव ने रात में एक वीडियो जारी करके कहा की उसके ऊपर कुछ बाइक सवार लोगों ने हमला किया हैं. अर्णव ने कहा की हमला करने वाले लोग कांग्रेस युथ के नेता थे. उन्होंने कहा की बाद में हमने उसे छोड़ दिया.
वही अब इसको लेकर सोशल मीडिया पर जाँच की मांग कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने की हैं. कई लोगों ने सवाल भी उठाया हैं की अर्णव को सरकार की तरफ से सुरक्षा गार्ड भी मिला हुआ हैं फिर हमला कैसे हुआ. और जब आरोपी पकड़ा गया तो उसे छोड़ क्यों दिया. उसे जेल क्यों नहीं भेजा.
वही अर्णव पर हुए हमले की जानकारी उनके टीवी चैनल रिपब्लिक tv ने रात को एक बजकर छह मिनट में ट्वीट करके जानकारी दिया। तब जाकर लोगों को पता चला की अर्णव पर हमला हुआ हैं.
लेकिन मामला जितना सीधा दिखता हैं उतना हैं नहीं. दरअसल बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा और अशोक पंडित के ट्विटर अकाउंट से एक बजकर छह मिनट से काफी पहले इस हमले की निंदा किया हैं. अब लोग सवाल उठा रहे है की इनलोगों को कैसे पता चला की हमला हुआ हैं.
वही कुछ लोगों का कहना है देश भर में अर्णव के खिलाफ 100 से अधिक FIR होने से वह डरे हुए हैं