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केरल की कन्नूर पुलिस ने बुधवार को एक शिक्षक को चौथी क्लास की एक बच्ची के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया। आरोपी स्थानीय भाजपा नेता भी है। गिरफ्तारी के बाद विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि एक महीने पहले शिकायत दर्ज होने के बावजूद आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया गया था।

कन्नूर में त्रिपंगोत्तूर स्थानीय समिति के अध्यक्ष पद्मराजन के पर जनवरी और फरवरी के महीनों में अपने स्कूल की कक्षा चार की छात्रा के साथ बलात्कार करने का आरोप लगा था। पनूर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने बच्चे के माता-पिता द्वारा 17 मार्च को उसके खिलाफ मामला दर्ज करने के बावजूद उसे गिरफ्तार नहीं किया गया था।

पुलिस द्वारा उस व्यक्ति को गिरफ्तार करने में देरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गया था। पुलिस की ओर से कार्रवाई में देरी के खिलाफ सीपीआईएम (जिनकी अभी राज्य में सरकार है) से लेकर सामाजिक न्याय विभाग के मंत्री के के सैलजा तक सामने आए थे।

खबरों के अनुसार, लड़की ने पुलिस को एक बयान दिया था कि उस व्यक्ति ( उसके शिक्षक) ने उसे जनवरी में छुट्टी के दिन स्कूल में यह कहते हुए बुलाया था कि कुछ अतिरिक्त पाठयक्रम का काम है और शौचालय में ले जाने के बाद कथित तौर पर उसका यौन उत्पीड़न किया। । लड़की ने पुलिस से यह भी कहा है कि अगर वह किसी और से इस घटना के बारे में बात करे तो वह उसे जान से मारने की धमकी देता था।

लॉकडाउन की अवधि के दौरान पुलिस की ओर से हो रही देरी से लोग परेशान थे जबकि इस समय आरोपी के पास भागने का कम मौका था। मंगलवार को स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय और महिला एवं बाल विकास मंत्री केके शैलजा ने पुलिस को यह कहते हुए लताड़ लगाई थी कि उन्हें पुलिस विभाग का फायदा उठाकर शोषण नहीं करना चाहिए।

आरोपी की गिरफ्तारी में हो रही देरी के खिलाफ जस्टिस फॉर वालयार किड्स जैसे फोरम भी सामने आया था। वहीं आरोपी भाजपा नेता की गिरफ्तारी में दिखाई जा रही देरी को लेकर मंत्री केके शैलजा जो कुठुपारम्बा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के फेसबुक पेज पुलिस और सरकार की आलोचना करते हुए टिप्पणियों से भरे पड़े थे।

मंत्री केके शैलजा के फेसबुक पर कई लोगों ने टिप्पणी की हुई थीं कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का पैतृक स्थान से पलाथाई (पनूर में जगह) की दूरी केवल 15 किलोमीटर है। यह मंत्री केके शैलजा के निर्वाचन क्षेत्र में भी आता है, जिन्हें सरकार में सबसे प्रतिभाशाली मंत्री कहा जाता है। यह जगह पूर्व मंत्री केपी मोहनन के घर से तीन किलोमीटर की दूरी पर भी नहीं है। लेकिन किसी को भी उन नौ साल की बच्ची की न्याय की आवाज नहीं सुनाई दे रही है। यह डरावना है कि पॉक्सो मामला होने के बाद भी पुलिस उसे नहीं पकड़ पा रही है।

इस बीच, बुधवार को गिरफ्तारी के बाद, DySP वेणुगोपालन केवी ने मीडिया को बताया कि लॉकडाउन के कारण गिरफ्तारी में देरी हुई। उन्होंने बताया, ‘पूछताछ सुचारू रूप से आगे बढ़ रही थी, लेकिन फिर COVID-19 के प्रकोप के बाद लॉकडाउन के कारण हम मामले पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सके। इसीलिए गिरफ्तारी में देरी हुई। हमने उन सभी जगहों पर छापे मारे जहाँ वह संभवतः जा सकता था। कल रात हमें जानकारी मिली कि वह एक विशेष घर में हो सकता है और इसी तरह हमने वहां छापा और उसे पकड़ा।’

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को पुलिस बल को बचाव किया और दावा किया कि वे गलत नहीं हैं। पिनाराई विजयन ने कहा, ‘पुलिस ने एक मामला दर्ज किया था और जांच कर रही थी, आज गिरफ्तारी की गई। कुछ लोग उसे छिपाने की कोशिश कर रहे थे। मुझे विश्वास नहीं है कि कोई चूक हुई है।’

साभार : जनज्वार