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Prime Minister Narendra Modi during the Valedictory Session of National Law Day Celebration at vigyan Bhawan on 26th Nov. 2017. Express photo by Renuka Puri

देश में लॉक डाउन लगातार जारी हैं फिर भी कोरोना मरीज घटने के बयाज बढ़ती जा रही हैं. भारत में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी को केरल में आया था. उस समय देश में सबकुछ ठीक था.

कोई लॉक डाउन कोई बंदी नहीं था. वही 22 अप्रैल तक स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताविक भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 20471 हो गयी है। इन आंकड़ों के चलते भारत कोरोना संक्रमित देशों की फेहरिस्त में 17 पायदान पर आ गया है। अब दुनिया में सिर्फ 16 देश ऐसे हैं, जहां कोरोना के मामले भारत से ज्यादा हैं।

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वही जन्सत्त्ता के मुताविक कोरोना वायरस भारत में बेकाबू होता नजर आ रहा है। देश में संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि होती नजर आ रही है। बीते आठ दिनों में ही संक्रमण के 10,000 मामले सामने आए हैं। दस हजार का आंकड़ा पार करने में पहले 75 दिन लगा था लेकिन अब बीते आठ दिन में ही संक्रमितों की संख्या 10 हजार का आंकड़ा पार कर गई है।

भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था। वहीं, भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या पचास होने तक 10 मार्च तक का समय लगा। लेकिन अगले चार दिन में ही यानी 14 मार्च को भारत में 100 मामले हो गए। 14 मार्च के बाद 24 मार्च तक मामलों की संख्या बढ़कर पांच सौ हो गई।

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तो अब सवाल उठ रहा हैं की आखिर लॉक डाउन के बाद भी कोरोना मरीजों की संख्या आखिर बढ़ता क्यों जा रहा हैं. क्या पीएम मोदी ने अँधेरे में लॉक डाउन का फैसला कर दिया जैसे नोटबंदी का फैसला अँधरे में तीर चलाया था. तीर लग गया तो ठीक बरना लोग तो कहेंगे देखो सरकार कुछ ना कुछ तो कर रही हैं. जैसे नोटबंदी के समय हुआ.

लेकिन फिर वही सवाल उठेगा लॉक डाउन पुरे देश में लागू हैं फिर संख्या बढ़ता क्यों जा रहा हैं. क्या सरकार कोरोना को रोकने में नाकाम हो रही हैं क्या सरकार को अब तक समझ नहीं आ रहा है इसको रोका कैसे जाए? ये अब भी बड़ा सवाल हैं.

वही WHO ने भी लॉक डाउन के ऊपर कहा की इससे हम हमेशा के लिए कोरोना वायरस को नहीं रोक पाएंगे. इसको रोकने के लिए हमे अधिक से अधिक मरीजों को ढूढ़ना होगा उसकी जाँच करनी होगी.

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लॉक डाउन जब तक रहेगा ठीक हैं जब लॉक डाउन खत्म होगा फिर उसके बाद इस वायरस को कैसे रोका जायगा. यानी जहाँ से शुरू हुआ वही जाकर फिर शुरुआत हो जाएगी. इसलिए लॉक डाउन इसका समाधान नहीं हैं. बल्कि जितना दिन लॉक डाउन किया गया हैं उतने दिन में ही देश के सभी मरीजों को ढूढं का इलाज करना होगा.

दीपक कुमार