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अभी कुछ दिनों पहले खबर आया था की, वायरोलॉजिस्ट मीनल दाखवे भोसले ने कोरोना टेस्ट को लेकर किट तैयार की हैं. देश में कोरोना संक्रमण के खतरे को लेकर लॉकडाउन है. मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ठीक ऐसे समय में वायरोलॉजिस्ट मीनल दाखवे भोसले के इस अमूल्य योगदान की खबर राहत पहुंचाने वाली है.

महिला वैज्ञानिक मीनल ने अपनी प्रेग्नेंसी के आख‍िरी घंटों तक काम करके देश को पहली कोरोना टेस्ट किट बनाकर दी है. ऐसी खबर आजतक ने अपने वेबसाइट पर लिखा था.

अब इसको लेकर पत्रकार Awesh Tiwari” ने अपने फेसबुक पोस्ट में इस का जिक्र किया है. उन्होंने कहा ” यह तस्वीर तो आपको याद होगी, यह मीनल भोंसले है। पुणे के ‘माई लैब डिक्सवरी’ की वायरोलॉजिस्ट। 15 दिन पहले यह तस्वीर आप जमकर वायरल कर रहे थे ।

बीबीसी के अलावा अखबारों ने खबर चलाई, चैनलों ने खबर दिखाई कि पहली मेड इन इंडिया कोरोना रैपिड टेस्टिंग किट को आईसीएमआर जे मंजूरी दे दी है। इस खबर को ज्यादा पढ़े जाने की वजह यह थी कि मीनल उस वक्त गर्भ के अन्तिम दिनों से गुजर रही थी। ख़ैर कंपनी ने कई पीआर एजेंसियों के साथ मिलकर इस खबर को खूब वायरल कराया।

अब असली खबर पर आइये। माई लैब यह किट 1200 रुपये की बेच रही थी, इसका उत्पादन भी ढंग से शुरू नही हो पाया। इसकी किट अगर मेरे किसी साथी डॉक्टर ने अभी तक देखी हो तो मुझे बताएं।

भगवाईयो ने भी इस खबर को खूब प्रमोट किया था। सच्चाई यह है कि कंपनी, सरकार और मीडिया मिलकर आपको बेवकूफ बना रहे थे। इसलिए बना रहे थे क्योंकि आप इसी लायक हैं। सच यह है कि छत्तीसगढ, तमिलनाडु आदि राज्य कोरिया की एक कंपनी से महज 337 रुपये की किट खरीद कर जांच कर रहे हैं।