भक्तों के जले पर डॉ. मोनिका ने रगड़ा नमक, बोली- सारे मुसलमान पंचर नहीं बनाते कुछ मिसाइले, फिल्में, सिपला, विप्रो भी बनाते हैं

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वैसे तो आज के सरकार के समर्थकों को भक्त बोला जाता हैं उसका एक बड़ा कारन ये हैं की इनके बातों में कोई तर्क लॉजिक नहीं होता. इनकी मानेगे तो इस देश में आज़ादी के बाद कुछ हुआ ही नहीं. जो भी काम देश में हुआ वह नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद ही हुआ.

वैसे इसमें इन भक्तों की भी गलती नहीं हैं. ये बात इनको व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के द्वारा इनके आईटी सेल बाले हेड ने बार बार पढ़ाया हैं. सिखाया हैं. इसलिए इनलोगों ने अपनी सोचने की शक्ति छमता खत्म कर ली हैं इसलिए इनको इनके विरोधी भक्त कहते है.

गूगल पर भक्त लिखने पर इनके कई जोक्स भी मिल जाते हैं. इस वजह से भी इनपर मजाक बनाया जाता रहा हैं. हालांकि अक्सर देखा गया हैं इनको व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से इन लोगों को मुसलमानो के खिलाफ बोलना सिखाया जाता हैं.

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इन लोगों पर आरोप भी लगते आये हैं की ये लोग आईटी सेल के लिए दो दो रूपए में एक एक ट्वीट भी करते हैं. सोशल मीडिया पर इनके अकाउंट खोल कर देखे तो वहां भाईचारा एकता की बात तो देखने को एक फीसदी भी नहीं मिलेगा.

जितने भी ट्वीट मिलेंगे. वह सिर्फ कांग्रेस और उनके समर्थकों की बुराई मिलेगी. उनको पाकिस्तानी. मुसलमान बताते हुए पोस्ट ट्वीट मिलेंगे। इतना नफरत इन भक्तों के दिमाग में व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के द्वारा भर दी गयी हैं.

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अब इसी पर डॉक्टर मोनिका ने बड़ा तंज कसा हैं. मोनिका ने भक्तों का मजाक उड़ाते हुए अपने ट्वीट में लिखा ” सब मुसलमान पंचर नहीं बनाते साहब कुछ मिसाइले, फिल्में, सिपला वी, प्रो. हमदर्द और कुछ तो भक्तो के घर में ससुराल तक बना लेते हैं”

मोनिका अपने ट्वीट से उनलोगों पर तंज कसने की कोसिस की हैं जो देश के मुसलमानो को मजाक उड़ाते है. देश में फैली सांप्रादियक नफरत के लिए मुसलमान को जिम्मेदार मानते हैं.

मोनिका ने मिसाइले बनाने का जिक्र डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को लेकर किया जिन्होंने देश के लिए अपनी पूरी जिंदगी काम वह बाद में राष्ट्रपति भी बने.

वही मोनिका ने अपने ट्वीट में फिल्म का जिक्र किया हैं जाहिर सी बात हैं इसमें उनका मतलब सलमान खान, शाहरुख़ खान, आमिर खान और इरफ़ान खान जैसे फिल्म कलाकारों से था.

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वही ट्वीट में भारत की प्रमुख दवाई कंपनी सिप्ला का भी जिक्र बता दे सिप्ला की स्थापना 1935 में की गयी थी. इस कम्पनी की स्थापना Khwaja Abdul Hamied ने किया था. जो एक मुसलमान इनकी कम्पनी में करीब सात हजार लोग काम करते हैं.

इस ट्वीट में मोनिका ने विप्रो का भी जिक्र किया हैं. आपको बता दें विप्रों एक आईटी कम्पनी हैं जिसकी स्थापना 29 December 1945 को हुआ था. इसकी स्थापना “Sudipto Halder” ने किया था. जो एक मुसलमान हैं. आज इस कंपनी को असीम प्रेमजी देखते हैं.

ट्वीट में डॉ. मोनिका ने भक्तों को हमदर्द कम्पनी की भी याद दिलाने की कोशिस किया हैं. आपको बता दे “हमदर्द” एक आयुर्वेदिक दवा कंपनी है जिसकी स्थापना 1906 में “हकीम अब्दुल हमीद” ने किया था. ये कम्पनी मुख्य रूप से रूह अफ़ज़ा, साफ़ी, रोग़न ए बादाम शरीरीं, सुआलिन, सिंकारा, जोशीना बनाती हैं.

बाकी आखिरी में डॉ. मोनिका ने लिखा ” कुछ मुसलमान तो भक्तो के घर में ससुराल तक बना लेते हैं ” अब इसका मतलब आप खुद गूगल करके देख सकते हैं या डॉ. मोनिका के ट्वीट पर कमेंट करके उनसे ही पूछ सकते हैं कौन कौन मुसलमान भक्तो के घर में दामाद बने हैं.

वही खबर लिखे जाने तक इस ट्वीट पर 11 हजार लाइक्स और दो हजार से अधिक रिट्वीट किये जा चुके थे