क्या आपको याद हैं 2008 में बाढ़ आई थी तब कांग्रेस सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए ट्रेन का टिकट मुफ्त कर दिया था

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कोरोना संकट देश में जारी हैं लॉक डाउन भी जारी हैं इससे जहाँ जो लोग फंसे हैं वही फंस गए. अब उनके पास खाने पीने का सामान तक नहीं हैं. ना ही उनके पास पैसे बचे हैं जिससे वह अपना घर चला सके.

इसी को देखते हुए कई राज्यों की सरकार ने अपने अपने प्रदेश वासियों को अपने राज्य लाने की कोसिस कर रही हैं. जिसे देखते हुए भारत सरकार ने स्पेशल ट्रैन चलाने की अनुमति दी हैं.

लेकिन लोगों का आरोप हैं की सरकार ट्रैन के टिकट के पैसे इस संकट में भी ले रही हैं जब लोगों के पास खाने तक के पैसे नहीं बचे. हालाकिं सरकार कह रही हैं कोई किराया लोगों से रेलवे नहीं लेगी. वही राहुल गाँधी ने भी आरोप लगाया की सरकार इस संकट में भी लोगों से किराया वसूल रही हैं.

सरकार विदेश में फंसे भारतीयों को फ्री में ला सकती हैं तो मजदूरों को बिना किराया घर क्यों नहीं भेज सकती : सोनिया गाँधी

वही आज सोनिया गाँधी ने एक बड़ा एलान करते हुए कहा की जो लोग दूसरे राज्यों में फंसे हैं अगर वह घर जाना चाहते हैं तो उसका ट्रैन और बस का खर्च कांग्रेस उठाएगी. कांग्रेस ने ये जानकारी ट्वीट करके दी.

अब इसी को लेकर युथ कांग्रेस ने भी 2008 की भीषण बाढ़ का जिक्र करते हुए एक ट्वीट किया हैं. युथ कांग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा ” 2008 में जब भीषण बाढ़ आई थी तो UPA 2 में (कांग्रेस की सरकार में) रेलमंत्री लालू यादव ने बाढ़ पीड़ितों के लिए ट्रेन का टिकट मुफ्त कर दिया था. आज 2020 में भी जब देश कोरोनासंकट से झूझ रहा है तब भी कांग्रेस पार्टी ही आगे आयी। घर लौटने वाले मजदूरों की रेल यात्रा का खर्च उठाएगी”

इस ट्वीट के साथ यूथ कांग्रेस ने एक फोटो भी शेयर किया है, जिसमें सोनिया गांधी के साथ रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और मणिशंकर अय्यर भी दिख रहे हैं.

सोनिया गांधी का ऐलान- दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का किराया कांग्रेस देगी

इसके अलावा यूथ कांग्रेस ने सोनिया गांधी का वह बयान भी ट्वीट किया है, जिसमें कहा गया है कि हर प्रदेश में जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च प्रदेश कांग्रेस वहन करेगी.

कांग्रेस पार्टी ने निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी. यूथ कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि यही अंतर है. भारतीय रेलवे ने पीएम केयर्स फंड में 151 करोड़ रुपये डोनेट किया पर प्रवासी मजदूरों को घर भिजवाने के लिए किराया लिया जा रहा है