डिजिटल युग में पूरी दुनिया आ चुकी है लेकिन कुछ लोग इस युग का फायदा उठाने के बदले गलत इस्तेमाल कर रहे है. दरअसल इस बार ज़ी न्यूज़ (zeenews) इस मामले में फंस गया है. ज़ी न्यूज़ के ग्रुप ज़ी उत्तर प्रदेश उत्तराखंड ने एक न्यूज़ अपने ट्विटर (twitter) हैंडल ने ट्वीट किया था. जिसको लेकर फिरोजाबाद पुलिस ने कड़ी आपत्ति जताई है.
ज़ी न्यूज़ ने निजामुद्दीन (nizamuddin)को लेकर एक आर्टिकल ट्वीट किया था जिसमे उसने लिखा था, फ़िरोज़ाबाद में तब्लीगी जमात के चार लोग कोरोना पॉजिटिब, इन्हे लेने पुलिस पहुंचा तो लोगों ने किया पुलिस पर पथराव।
इसी पर फ़िरोज़ाबाद पुलिस (firozabad police) ने तुरंत ट्वीट करते हुए लिखा ” आपके द्वारा असत्य एवं भ्रामक खबर फैलायी जा रही है जबकि जनपद फिरोजाबाद में न तो किसी मैडीकल टीम एवं न ही एम्बूलेंस गाडी पर किसी तरह का पथराव नहीं किया गया है । आप अपने द्वारा किये गये ट्विट को तत्काल डिलीट करें “
जिसके बाद जी न्यूज़ ने फौरन ट्वीट को डिलीट कर दिया है आप इसी बात से अंदाजा लगा लीजिए किस तरीके से तबलीगी जमात को बदनाम करने के लिए ज़ी न्यूज़ और उसके अन्य मीडिया साथी प्रोपेगेंडा रच रहे हैं।
तब्लीग़ी जमात पर दीपक चौरसिया फैला रहा था झूठ, यूपी पुलिस बोली झूठ मत फैलाओ, हत्या में मुस्लिम शामिल नहीं
आपको बता दे इससे पहले दीपक चौरसिआ (deepak chourasiya) को भी यूपी पुलिस ने लत्ताड़ लगा चुकी है. गौरतलब है की दीपक चौरसिया ने एक ट्वीट किया. जिसमे लिखा, ”
प्रयागराज में जमात पर टिप्पणी करने पर युवक की हत्या कर दी गई। मोहम्मद सोना पर गोली मारकर हत्या का आरोप लगा है। टिप्पणी करने पर गोली मारना, इतनी हैवानियत आती कहा से है? “
अब इसी पर प्रयागराज पुलिस ने दीपक को फटकार लगायी है. प्रयागराज पुलिस ने जबाब देते हुए लिखा ” थाना करैली में FIR 127/2020 पंजीकृत कर नामजद वअन्य कुल 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है। मृतक औरअभियुक्त पक्ष पास-पड़ोस के रहने वाले हैं, इनमें से किसी का भी सम्बन्ध तबलीगी जमात से होने की बात प्रकाश में नहीं आयी है। विवेचना के आधार पर कठोर विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है “