पालघर साधु मॉब लिंचिंग पर बबाल करने वाले भाजपाई स्वामी अग्निवेश पर हुए हमला भूल गए, जब BJP कर्यकर्ताओं ने पीटा था.
आज पालघर में हुए तीन साधुओं की मोब लिंचिंग पर देश में आक्रोश का माहौल बना हुआ हैं. जहाँ बीजेपी कार्यकर्ताओं और उनके नेताओ ने हिन्दू संत की हत्या पर बबाल किया हुआ हैं. क्या वे भूल गए स्वामी अग्निवेश पर हुए अटैक का.
स्वामी अग्निवेश भी एक हिन्दू संत हैं. उनपर हमला 2018 में हुआ था उस वक्त झारखंड में बीजेपी का शासन था. आज पालघर में हुए संतों की मॉब लिंचिंग को लेकर मीडिया और बीजेपी, हिन्दू संत साधुओं में काफी आक्रोश हैं. सभी उद्धव ठाकरे सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
अब इसपर एक फेसबुक यूजर ने जबाब दिया हैं. फेसबुक यूजर निर्मल ईश्वर चंद्र मिश्रा ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा ” स्वामी अग्निवेश भी एक साधु थे, जब बीजेपी के युवा कर्यकर्ताओं ने सड़क पर उनको पीटा और उनके कपडे फाड़ दिए. क्या ये साधुओं का अपमान नहीं था, या फिर वक्त, स्थान और सरकारों को देखकर परिभाषाएं बदल जाती हैं”
आपको बता दे की स्वामी अग्निवेश एक हिन्दू समाज के एक संत हैं जिनपर 17 जुलाई 2018 को झारखण्ड के बीजेपी हेड ऑफिस के बाहर कुछ गुंडों ने उसपर हमला किया था.
स्वामी अग्निवेश ने मारपीट का आरोप बीजेपी नेताओ पर लगाया. उस समय स्वामी अग्निवेश के मुख्य सचिव ने कहा की ” “यह सरकार प्रायोजित हमला है. यह एक तरीक़े की मॉब लिंचिंग थी, जिसमें हमने मुश्किल से स्वामी अग्निवेश की जान बचाई. जब स्वामी जी पर हमला हुआ, तब पुलिस ने हमारी कोई मदद नहीं की और स्वामी जी की बुलाने के बावजूद पाकुड़ के एसपी उनसे मिलने नहीं पहुँचे. हमें कोई सुरक्षा नहीं दी गई. वे सबलोग भाजपा से जुड़े लोग थे.”