देश में कोरोना का कहर तो जारी है कुछ पत्रकारों की चाटुकारिता भी चरम सीमा जारी हैं. कोरोना संकट से पूरा देश वाकिफ है अब तक देश भर में 1300 से अधिक लोगों की जान जा चुकी हैं करीब 35 हजार से अधिक लोग संक्रमण हैं फिर भी कुछ पत्रकार सरकार की वाहवाही करने से थक नहीं रहे.
पिछले 40 दिन से लॉक डाउन देश में इसी को लेकर जारी हैं ताकि संक्रमण को कम किया जा सके. विपक्ष सरकार पर आरोप लगा रही है की कोरोना से लड़ने में सरकार नाकाम हो रही है. वही राहुल गाँधी ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए फरवरी में ही सरकार को तैयार रहने के लिए कहा था. हालाकिं उनके बातों को सरकार ने खारिज कर दिया.
भारत में कोरोना का पहला मामला जनवरी में ही आया था. उस समय सरकारों को सचेत होना चाहिए लेकिन सरकार नमस्ते तरुम के स्वागत में बड़ी बड़ी रैली करने में जुटी हुई थी. ऐसा आरोप विपक्ष लगातार लगा रही हैं.
अब 40 दिन लॉक डाउन के हो गए. भारत में कोरोना मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही हैं. फिर भी रजत शर्मा मोदी सरकार की तारीफ करना भूल नहीं रहे हैं. जहाँ पहले रजत शर्मा ने अपने ट्वीट में कहा की ” पिछले 70 साल में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने 40 दिन में मुख्यमंत्रियों से 4 बार बात की. 14 घंटे मशवरा किया. उनके कहने पर लॉकडाउन बढाया, मज़दूरों के लिए रेल चलाई. मु्ख्यमंत्री मानते हैं. फिर भी कुछ लोग कहते हैं केन्द्र राज्यों की नहीं सुनता. आखिर क्यों ?”
वही उन्होंने दूसरे ट्वीट में भी पीएम मोदी की तारीफ़ करने से बाज नहीं आये. उन्होंने अपने ट्वीट्स में लिखा ” अगर 40 दिन तक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
के कहने पर, डाक्टर, पुलिस, स्वास्थ्यकर्मी, मीडिया, अफ़सर और देश की जनता मिलकर कोरोना के ख़िलाफ़ घेराबंदी ना करते, तो हम भी अमेरिका की तरह लाशों के ढेर पर बैठे होते”
अब रजत शर्मा के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर ने कड़ा जबाब दिया हैं. अंजलि डायरी नाम से यूजर ने रजत शर्मा की जबाब देते हुए लिखा ” हमने वोट अमेरिकामें शासन चलाने के लिए नही दिए थे शर्मा जी ? यही मोदी जी ने अगर डोनाल्ड ट्रम्प के आने से पहले ये लॉकडाउन किये होते तो हालात आज जैसे भी न होते ? आपको स्वीकारना होगा मोदी जी की गलती और बाहरी लोगों के अभागमन से ये बीमारी ज्यादा फैली है