सरकार ने लॉक डाउन के तीसरे चरण में कई राज्यों में शराब दूकान खोलने की छूट दी हैं. जिसके बाद देश के कई हिस्सों में देखा गया की शराब के दुकानों के बाहर हजारो हजार लोगों की काफी बड़ी बड़ी लम्बी लाइन लग गयी.
शराब की दूकान के बाहर देखा गया की सोशल डिस्टेंसिंग का भी जमकर उलघन किया गया. जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा देश में बढ़ने लगा हैं. इसको लेकर सोशल मीडिया पर सवाल भी उठाये जा रहे हैं
कई यूजर का कहना हैं की सरकार अपना खजाना भरने के लिए शराब दूकान तो खोल दी लेकिन इससे जो कोरोना का मामला बढ़ेगा उसका खामियाजना पुरे देश को भुगतना होगा उसका क्या?
वही इसको लेकसर पिंकी चौबे ने भी सरकार और गोदी मीडिया पर निशाना साधा हैं. पिंकी चौबे ने अपने ट्वीट में कहा की ” मरकज की भीड़ कोरोना फैला रही थी ठेके की भीड़ तो कोरोना की दवाई बना रही है हैं ना”
दरअसल आपको बता दे की गोदी मीडिया और उनके समर्थक देश में फैले कोरोना वायरस का जिम्मेदार देश के मुसलमानो और जमाती लोगों को मानती हैं. इसको लेकर टीवी पर कई डिबेट्स तक किये गए हैं. अब इसी को लेकर लोगों ने सवाल पूछना शुरू कर दिया हैं की जब मकरज में भीड़ लगी तो सभी लोग बोले कोरोना जमाती ने फैलाया अब जो शारब दूकान पर भीड़ लग रही है क्या इससे कोरोना नहीं फैलेगा।
वही अंजू यदुवंशी ने अपने ट्वीट में कहा की “मरकज की भीड़ कोरोना वायरस फैलाती है लेकिन शराब के ठेके के बाहर खड़ी भीड़ वैक्सीन बनाती है।।
वही इसपर एक और यूजर नीतू झारखंडी ने लिखा ” जी हां, यही सच है। तभी तो लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो गया लेकिन मंदिर नहीं खुले, रमज़ान के बावजूद मस्जिद नहीं खुलीं, गुरुद्वारे नहीं खुले, स्कूल-कॉलेज नहीं खुले, स्पा व जिम नहीं खुले लेकिन शराब के ठेके खुल गए। देश के शराबियों की बेबसी देखकर शायद सरकार शर्मिन्दा थी व ठेके खोल दिए”
वही उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कहा ” इन हालात में, चाहे कोई कितनी ही नैतिकता का रोना रोए, सच यह है कि शराब और शराबी ही इस समय देश की नैया को पार लगाने में सक्षम नजर आ रहे हैं। गुजरात और बिहार जैसे राज्यों को तो इस तिनके का भी सहारा नहीं है।