लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण का चुऩाव होने के बस कुछ दिन ही बचा हुआ है, ऐसे में सभी पार्टियाँ के अपने अपने दावे और चुनावी दाव है। वैसे भी आजकल एयर स्ट्राइक’ की गूँज चुनावी सभा में गुँज रही है हर रैलियों में भाजपा इसका श्रेय ले रहें है। जम्मू कश्मीर के अखनुर में आयोजित रैली में पीएम मोदी ने कहा, जो लोग आंतकियों की फैक्ट्री सीमापार से बैठकर चला रहें है आज वह डरें हुए है डर के साऐ में रहते है यह पहली बार है जब सीमा पार से आने वाले आंतकी भारत को डराने से पहले सौ बार सोचते है।
घुसपैठ में भी 40 प्रतिशत बढोतरी हुई
इस हमले के बाद कई मिडिया समुह ने मोदी सरकार के इस दावे के सच्चाई का पड़ताल किया तो गृहमंत्रालय की एक रिर्पोट हाथ लगी है, जिसमें कहानी कुछ और बता रही है। रिर्पोट में जो आँकड़े है उसके मुताबिक मोदी सरकार के कार्यकाल यानि बीते पाँच सालों में पिछले सरकार के मुकाबले आंतकी घटनाओं में तीन गुना की बढोतरी हुई है। वहीं, इस रिर्पोट में कहा गया है कि सीमा पार से होने वाली घुसपैठ में भी 40 प्रतिशत बढोतरी हुई है। केंद्रीय गृहमंत्रालय के इस रिर्पोट में जम्मू कश्मीर में आंतकी घटनाओं का पूरा ब्यौरा दिया है। गृहमंत्रालय की रिर्पोट के मुताबित राज्य में मनमोहन सरकार के शासनकाल में 170 आंतकी घटनाएं हुई थी, जिनमें 135 लोग मारे गए गए थे। इनमें 53 सुरक्षाकर्मी, 15 नागरिक, और 67 आतंकवादी शामिल हैं। वहीं, यह आंकड़ा मोदी शासनकाल के आखिरी साल 2018 में 614 आतंकी वारदातें पेश आईं। यह आंकड़ा पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा है।
2018 में यह संख्या बढ़कर 140 हो गई।
The Telegraph ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि पिछले साल आतंकी गतिवधियों में 435 लोग मारे गए। इनमें 100 नागरिक, 246 आतंकी और 89 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। इसी साल 14 फरवरी को पुलवामा के आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए। घुसपैठ के मामलों में भी गृहमंत्रालय की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। रिपोर्ट के मुताबिक 2013 में जहां 97 घुसपैठ के मामले हुए थे, वहीं 2018 में यह संख्या बढ़कर 140 हो गई।