राजस्थान के अलवर में गौ रक्षा के नाम पर मॉब लिंचिंग का शिकार हुए पहलू खान और उनके बेटों के खिलाफ दर्ज एफआईआर और पुलिस चार्जशीट को राजस्थान हाईकोर्ट ने निरस्त करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने बुधवार को अपने आदेश में मृतक पहलू खान और उनके दो बेटों और पिकअप वैन के ड्राइवर के खिलाफ दर्ज एफआईआर और उसमें दाखिल चार्जशीट को रद्द करने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि अप्रैल 2017 में हरियाणा के नूंह के रहने वाले पहलू खान जयपुर से दो गाय खरीदकर अपने घर ले जा रहे थे। तभी रास्ते में अलवर के पास गोरक्षकों की एक भीड़ ने गाड़ी रोककर उनपर हमला बोल दिया और पहलू खान को गो-तस्करी करने के आरोप में पीट-पीटकर मार डाला। इस मामले में तत्कालीन बीजेपी सरकार में पुलिस ने पुलिस ने मॉब लिंचिंग के आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने के साथ ही पहलू खान और उनके बेटों पर भी गो तस्करी के आरोप में केस दर्ज किया था।
इस एफआईआर पर पुलिस द्वारा तैयार चार्जशीट में पहलू खान समेत उनके दोनों बेटों इरशाद और आसिफ को गो तस्करी का दोषी बताया गया था। चार्जशीट में इरशाद और आसिफ के खिलाफ पशुवध निषेध और निर्यात पर प्रतिबंध कानून की धारा 5, 8 और 9 के तहत आरोप सही बताया गया था। खास ये है कि पहलू खान की लिंचिंग के मामले में अलवर की एक अदालत ने सभी 6 आरोपियों को बरी कर दिया था।
इसको गंभीरता से लेते हुए खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सामने आए और उन्होंने मामले की फिर से जांच का ऐलान करते हुए एक एसआईटी के गठन का आदेश दिया। एसआईटी ने बीते सितंबर में गहलोत सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें पुलिस अधिकारियों द्वारा जांच में लापरवाही करने की बात सामने आई है। फिलहाल निचली अदालत के फैसले के खिलाफ राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दायर की हुई है।