पिछले सप्ताह के शुक्रवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने पहली तिमाही की (जीडीपी) के आंकड़े जारी कर दिए हैं. देश की आर्थिक विकास की दर घटकर 5 फीसदी रह गई है. करीब छह साल में भारत के विकास दर की यह सबसे सुस्त रफ्तार है. अहम बात यह है कि जीडीपी के मामले में हम बांग्लादेश और नेपाल से पीछे हैं. लेकिन चीन हमारी तुलना में आगे है।
जीडीपी के आंकड़े जारी होते ही शोशल मिडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना शूरू हो गई. यूजरों ने तरह तरह के दावें करने शूरू कर दिए। राजस्थान के ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस की महिला अध्यक्ष रुख्समनी कुमारी ने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते हुए नरेंद्र मोदी को आजाद भारत का पहला प्रधानमंत्री बताया है जिनके कार्यकाल में विकास दर पाकिस्तान से भी कम है। कांग्रेस नेता ने ट्वीट करते हुए दस देश के जीडीपी आंकड़े पेश किए है जिसमें सबसे ऊपर बंग्लादेश है वहीं सबसे आखिरी में भारत की जीडीपी दिखाया गया है।
दरअसल (जीडीपी) किसी भी देश की आर्थिक सेहत को मापने का सबसे अहम पैमाना होता है. जीडीपी किसी खास अवधि के दौरान देश के भीतर वस्तु और सेवाओं के प्रोडक्शन की कुल कीमत है. भारत में जीडीपी की गणना हर तीसरे महीने होती है। अगर जीडीपी का आंकड़ा बढ़ता है तो इसका मतलब यह होता है कि देश की विकास की रफ्तार ट्रैक पर आगे बढ़ रही है. वहीं अगर ये आंकड़े लगातार कम होते हैं तो देश के लिए खतरे की घंटी होती है.