कोरोना का इलाज ढूढ़ने के लिए पूरी दुनिया इसके पीछे लग गयी है हर कोई देश अब हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन को भारत से मांग रहा है. अभी हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत को धमकी देते हुए कहा था की अगर ये दवाई हमे भारत नहीं देगा तो हम कड़ा जबाब देंगे.
जिसके बाद भारत सरकार ने कुछ ही घंटे में अमेरिका को दवाई दिया. सरकार ने इसे मानवता का आधार बताया था. आपको बता दे की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा मलेरिया रोधी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को निर्यात की अनुमति देने के बाद देश में इस दवा की कमी के मामले सामने आने लगे हैं।
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राजस्थान में सरकार को 300 एमजी टैबलेट का पूरा स्टॉक वापस लौटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। बता दें कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल कोरोना वायरस के इलाज के लिए बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।
इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक राज्य सरकार ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन 200/400 एमजी टैबलेट्स के 25 फीसदी स्टॉक को भी वापस भेज दिया है।
प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए इस दवा का स्टॉक अपने पास रखा था। बताया गया कि इस दवा का इस्तेमाल ज्यादा गंभीर मामले वाले मरीजों के लिए किया जा सकता है।
कोरोना वायरस के चलते इस दवा की मांग में अचानक उछाल के चलते इसकी आपूर्ति में कमी होने लगी है। मामले में राजस्थान की पत्रकार तबीना अंजुम @TabeenahAnjum ने ट्विटर पर लिखा, ‘जयपुर में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की एक भी गोली उपलब्ध नहीं है। अगर कोरोना के मरीजों के लिए इलाज के लिए इसकी जरुरत पड़ी तो हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन नहीं मिल सकती। गठिया के मरीज HCQS से वंचित हैं। स्टॉक कहां गया? और फिर आप भारत को ट्रंप के सामने घुटने टेकते हुए देखते हैं।’