आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने लंदन के किंग्स कॉलेज में नेशनल स्टूडेंट्स ऐंड एल्यूमनी एसोसिएशन की ओर से आयोजित पर्सपेक्टिव कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा भूमि, श्रम शक्ति और लॉजिस्टिक्स के सतत सुधार पर हम गंभीर नहीं है।
वर्तमान सरकार के अप्रोच को केंद्रीयकृत, निरंकुश बताते हुए आलोचना करते हुए कहा कि यह बहुसंख्यकवाद का समर्थन करता है.
राजन ने नए मॉडल को आवश्यक बताया और कहा कि हमें नया मॉडल अपनाना होगा, जो हमारी मजबूती और हमारे लोकतंत्र में भरोसा करे. उन्होंने कहा कि आइए हम अपने लोकतंत्र को मजबूत करें. यह कुछ ऐसा है, जिस पर गांधी बहुत विश्वास करेंगे.
आरबीआई के गवर्नर ने कुछ दिन पहले ब्राउन यूनिवर्सिटी में बढ़ते राजकोषीय घाटे पर चिंता जताई थी. उन्होंने अर्थव्यवस्था में सुस्ती के लिए जीएसटी और नोटबंदी जैसे कदमों पर चिंता जताई थी. उन्होंने जीडीपी की विकास दर में गिरावट के लिए निवेश, खपत और निर्यात में सुस्ती के साथ ही एनबीएफसी क्षेत्र में संकट को जिम्मेदार ठहराया था.