जैसा की सब जानते है कि रोजगार व बेहतर शिक्षा कभी बीजेपी का चुनावी मुद्दा नही रहा है भले ही कांग्रेस ने रोजगार व बेहतर शिक्षा स्वास्थ्य जैसे मुद्दो को बल दिया हो लेकिन बीजेपी ने कभी इन मुद्दो को तूल नही दी जिसका कारण ये है की अब बीजेपी शासित राज्यो मे बेरोजगारी हद से ज्यादा बढ गयी है
सीएमआईई के सितंबर में किए गए सर्वे के आंकड़ों के अनुसार देश में त्रिपुरा में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर है। इसके अलावा इस सर्वे में सामने आया है कि वर्तमान में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी सबसे ज्यादा है। और इन सभी राज्यों में बीजेपी की सरकार है। इस लिस्ट में देश की राजधानी दिल्ली भी शामिल है। सर्वे के अनुसार सबसे ज्यादा बेहाल त्रिपुरा में बेरोजगारी दर 31.2 प्रतिशत है। गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनावो मे मोदी ने 2 करोड प्रतिवर्ष रोजगार का वायदा किया था अगर वो वायदा पूरा हो जाता तो शायद युवाओ को बेरोजगारी की मार नही झेलनी पड़ती
इसके बाद दिल्ली जहां बेरोजगारी दल 20.4 प्रतिशत है। वहीं हरियाणा में यह दर 20.3 प्रतिशत है। सरवे में टॉप 10 में शामिल अन्य राज्यों- हिमाचल प्रदेश में 15.6, पंजाब 11.1, झारखंड 10.09, बिहार 10.3, छत्तीसगढ़ 8.6और उत्तर प्रदेश में 8.2 प्रतिशत बेरोजगारी दर है।
सीएमआईई के इस सर्वे के अनुसार वर्तमान में देश में बेरोजगारी का राष्ट्रीय औसत 8.18 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार त्रिपुरा का बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से 3.8 गुना अधिक है, जबकि राजधानी दिल्ली और हरियाणा की दरें राष्ट्रीय औसत से 2.5 गुना ज्यादा हैं। सीएमआई के अनुसार भारतीय राज्यों के इस मासिक सर्वे में 43,600 घरों को शामिल किया गया है। बेरोजगारी व शैक्षिक स्तर पर पतन होता भाजपा शासित राज्यों पर सवाल तब खडे होते है जब युवा नौकरियो के इंतजार मे निराश होकर अपनी जान तक ले लेते हैं
इस सर्वे में दक्षिण भारत से राहत की खबर है। सर्वे के अनुसार बेरोजगारी के मामले में दक्षिण राज्यों की स्थिति उत्तर भारत के मुकाबले कहीं बेहतर है। यहां बेरोजगारी दर काफी कम है। सर्वे के अनुसार कर्नाटक और तमिलनाडु में बेरोजगारी दर सबसे कम है। कर्नाटक में बेरोजगारी दर 3.3 प्रतिशत है, जबकि तमिनाडु में यह दर और कम 1.8 प्रतिशत है।
गौरतलब है कि इसी महीने हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं और इन दोनों ही राज्यों में बेरोजगारी की स्थिति गंभीर है। वर्तमान में इन दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार है। सर्वे के अनुसार हरियाणा में जहां बेरोजगारी दर 20.3 प्रतिशत के चिंताजनक स्तर पर है, वहीं महाराष्ट्र में यह 5.7 प्रतिशत है। सीएमआईई के अनुसार देश की बेरोजगारी दर अगस्त में 8.2 प्रतिशत थी जो इब बढ चुकी है अगर आंकडो की बात करे तो 2014 से पहले देश की बेरोजगारी दर 2% के आसपास थी फिर भी जनता ने यूपीए सरकार को परास्त हालांकि यूपीए का मुख्य एजेंडा रोजगार ही था
जिस प्रकार से देश भर तेजी से बेरोजगारी दर मे बढ़ोतरी हो रही है उससे स्पष्ट है कि इस सरकार के पास युवाओ के लिये कोई विशेष एजेंडा नही है अब तो हाल ये हो गया है कि जिनके पास रोजगार था वो भी इस सरकार की गलत आर्थिक नीतियों की वजह से छीना जा रहा हैं