जो बार बार पूछते है कि 60 सालो में क्या हुआ? उनके लिए जबाब है आज ट्रम्प भारत से दवाई क्यों मांग रहा है वो कब बनी किस सरकार ने बनवाया, थोड़ा जान लीजिये इतिहास तब मोदी मोदी कर लेना.
‘हाईड्रोक्सी क्लोरोक्विन के कुछ तथ्य।
इंदिरा गांधी…. 1970 का भारतीय पेटेंट अधिनियम…. हायड्रोक्सी क्लोरोक्विन….. यूपीए सरकार द्वारा पेटेंट अधिनियम में संशोधन….. डोनाल्ड ट्रम्प….. और मोदी
उपरोक्त श्रृंखला को समझना महत्वपूर्ण है
इंदिरा गांधी प्रधान मंत्री बनने के बाद लिए गये कुछ महत्वपूर्ण निर्णयों में 1970 के Indian Patent Act को संसद द्वारा पारित करवाना भी था
इस अधिनियम के द्वारा भारत ने विश्व की महासत्ताओं और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के विरोध के बावजूद Product Patent की जगह Process Patent को मान्यता दी
इस अधिनियम के पारित होने से भारतीय फार्मा कंपनियां बहुराष्ट्रीय कंपनियों का एकाधिकार तोड़कर बड़े प्रमाण में दवाओं के उत्पादन में सक्षम हुईं और विदेशों से दवाओं के आयात पर निर्भरता खत्म हुई
देश दवाओं के निर्माण में स्वावलंबी हुआ और पिछले अनेक बरसों से भारत पूरे विश्व को उच्च गुणवत्ता की दवाओं की आपूर्ति किफायती दरों पर कर रहा है
आज कोरोना महामारी से ग्रस्त अनेक देश चाहे वो अमेरिका हो, स्पेन या इटली हो या फिर ब्राजील हो, सभी को भारत से Hydroxy Chloroquine यह दवा चाहिए
इस बात का हमें अभिमान होना उचित ही है परंतु क्या इसके साथ हमें संबंधित इतिहास की जानकारी नहीं होनी चाहिए ?
आइए, Hydroxy Chloroquine का भारत में क्या इतिहास है, उसे देखते हैं
Hydroxy Chloroquine इस दवा को भारत में बनाने और निर्यात करने वाली भारतीय कंपनियों के नाम हैं IPCA और Cadilla.
IPCA company अपनी वेबसाइट पर लिखती है
“For more than 60 years IPCA has been partnering health care globally in over 120 countries”
इस कंपनी की स्थापना और प्रगति का सम्बंध Indian Patent Act 1970 से सीधा संबंध है
IPCA ने भारत में पहली बार 1976 में Sugar coated Chloroquine tablets की मार्केटिंग शुरू की। अगर 1970 का पेटेंट कानून ना होता तो बहुराष्ट्रीय कंपनियों के विरोध के चलते यह संभव ही नहीं होता
1986 में IPCA ने रतलाम में Chloroquine Phosphate दवा का bulk production करने के लिए API Plant की स्थापना की। औषधि निर्माण में स्वावलंबी बनने का यह एक महत्वपूर्ण कदम था
1999 में IPCA ने Hydroxy Chloroquine Sulphate formulation भारत में लॉन्च किया
2004 में IPCA की Ratlam Manufacturing Facility को अमेरिका की US-FDA द्वारा मान्यता दी गई जिसके बाद IPCA द्वारा अन्य विकसित देशों को दवाओं का निर्यात शुरू हुआ
अब बताइए अगर पिछले 60 सालों में देश में कुछ भी नहीं हुआ होता, तो डोनाल्ड ट्रंप भारत से किस चीज की मांग करते ?
पिछले 60-70 सालों में देश में कुछ भी नहीं हुआ यह कहना बेवकूफी नहीं तो और क्या है