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पुलिस का दावा, अयोध्या में भूख से नहीं स्वाभाविक हुई साधू की मौत

वृद्ध साधु की लाश

देश में साधू संतों की इन दिनों काफी चर्चा चल रही हैं. पहले पालघर में दो साधुओं की मोब लिंच कर दी गयी. उसके बाद उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दो साधुओं को धारदार हथियार से काटकर हत्या कर दी गयी.

अब खबर भाजपा शासित उत्त्तर प्रदेश के आयोध्या से आ रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताविक अयोध्या में स्थित चौधरी चरण सिंह घाट के समीप सरयू तट पर लगभग 80 वर्ष के एक वृद्ध साधु की भूख से मौत हो गई है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि वृद्ध साधु कई दिन से बीमार चल रहे थे। उनका हाल-चाल ना तो स्थानीय प्रशासन ने लिया ना ही किसी समाजसेवी ने लेना ज़रूरी समझा। बीमारी की हालत में कई दिनों से भूखे-प्यासे साधु ने आखिरकार आज दम तोड़ दिया।

जनचौक डॉट कॉम के मुताविक साधु बारादरी के सामने रहते थे। और छह दिन से भूखे थे। और बीमार भी चल रहे थे। साधु की उम्र 80 साल के आस-पास थी। इलाक़ा कोतवाली थाने के तहत आता है। बताया जा रहा है कि पिछले छह दिनों से वह वहीं पड़े हुए थे।

जनचौक डॉट कॉम के मुताविक स्थानीय पत्रकार तुफैल ने बताया कि आज सुबह तक उनका शव रेत में पड़ा हुआ था। लेकिन अचानक वहाँ से ग़ायब हो गया। स्थानीय लोगों से पूछने पर पता चला कि कुछ पुलिसकर्मियों ने उसे उठवाकर सरयू में फेंक दिया।

उनका कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया जिससे पूरे मामले को रफा-दफा कर दिया जाए और किसी को कानों-कान ख़बर तक न हो। इसके पीछे एक दूसरी वजह पोस्टमार्टम से बचने की भी बतायी जा रही है। स्थानीय पुलिस ने कुछ प्रत्यक्षदर्शियों से संपर्क किया और उनसे मामले को दबाने का इशारा किया।

इस खबर को आने के बाद आयोध्या पुलिस ने एक वाइट जारी किया जिसमे उन्होंने कहा की साधू की मौत भूख के कारण नहीं हुआ. स्वाभाविक मौत हुई है. आयोध्या पुलिस के इस वाइट के बाद इस खबर में सुधार किया जा रहा है.

नोट: इसलिए इस खबर को दोबारा एडिट किया जा रहा हैं. पुराणी हैडिंग के लिए हमे खेद हैं.